मेरठ वन विभाग की टीम पक्षियों पर रख रही है करीबी नजर, अधिकारी इस तरह कर रहे हैं मॉनिटरिंग
यूपी में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद मेरठ में वन विभाग की टीम स्थानीय और प्रवासी पक्षियों पर निगाह रही है. अधिकारी किसी भी स्थिति से निपटने के लिये तैयार हैं.
मेरठ: पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बर्ड फ्लू को लेकर किस तरीके से प्रवासी पक्षियों पर नजर रखी जा रही है, अधिकारी कैसे पक्षियों की निगरानी कर रहे है, इसे परखने के लिये एबीपी गंगा ग्राउंड जीरो पर पहुंचा और जाना कि कैसे अधिकारी कई किलोमीटर खेत खलिहानों में चलते हुए पक्षियों तक पहुंच कर उनपर नजर रख रहे हैं.
कई किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है
एबीपी गंगा की टीम बर्ड फ्लू को लेकर मेरठ प्रशासन कितना सक्रिय है, इसी की पड़ताल के लिए हस्तिनापुर के वन और बर्ड सेंचुरी पहुंची. यहां पर वन विभाग और चिकित्सा विभाग के अधिकारी लगातार प्रवासी पक्षियों की निगरानी करते हुए नजर आए. इसके लिए उन्हें कई किलोमीटर का लंबा सफर पैदल ही तय करना पड़ता है. दूरबीन के जरिए प्रवासी पक्षियों पर अधिकारी नजर रखते हुए दिखे. साथ ही वन विभग की टीम ने पूरी तरह सेंचुरी में आने वाले लोगों पर प्रतिबंध लगा दिया है और अगर कोई ग्रामीण कभी दिख जाता तो उसे तुरंत वहां से जाने को कहते हैं.
हमारी टीम ने वन विभाग के अधिकारियों और पशु चिकित्सा अधिकारी से भी बात की और उनसे जानने की कोशिश की, कि दुर्लभ रास्तों से गुजरते हुए कई किलोमीटर गंगा नदी के किनारे किनारे जाकर इन पछियों के बारे में जानकारी जुटाते हैं, उनका हाल लेते हैं कि कोई पक्षी बीमार तो नहीं है. अगर बीमार है तो तत्काल उसे उपचार की तैयारी की जाती है या फिर उसे मार दिया जाता है. लेकिन राहत की बात यह है अभी कोई भी पक्षी हस्तिनापुर सेंचुरी में बीमार नहीं पाया गया.
तीन हजार प्रवासी पक्षी वन विभाग के अधिकारियों की माने तो यहां पर ढाई से तीन हजार प्रवासी पक्षी आए हुए हैं, जो मार्च के लास्ट वीक से यहां से जाते हैं. लेकिन अभी तक कोई भी पक्षी बीमार नहीं पाया गया. हर 2 घंटे में इन पक्षियों की मॉनिटरिंग होती है ताकि हालात का जायजा लिया जा सके. फिलहाल वन विभाग का दावा है कि वह पूरी तरह से बर्ड फ्लू को लेकर तैयार हैं. हर परिस्थिति से निपटने के लिए वो तैयार हैं और यही वजह है कि एहतियात के तौर पर सेंचुरी में पर्यटकों के आने पर रोक लगा दी गई है.
वहीं, पशु चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि,उनकी टीम लगातार प्रवासी पक्षी और क्षेत्रीय पक्षियों पर नजर रखे हुए है. हर परिस्थिति से निपटने के लिए उनकी टीम पूरी तरह से तैयार है. यही वजह है कि समय-समय पर उनकी टीमें लगातार इन पक्षियों की निगरानी करते हैं, ताकि अधिकारियों को हर परिस्थिति से अवगत कराया जा सके.
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