(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
मेरठ में पुलिसकर्मी निकले वसूली गैंग के मास्टरमाइंड, ऐसे फर्जीवाड़े से करते थे सौदेबाजी
Meerut Crime News: मेरठ में पुलिस वालों के अवैध वसूली का चौंकाने वाला मामला सामने आया है. मामले में मेरठ एसएसपी ने जांच के बाद आरोपियों को सस्पेंड कर दिया है. इनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया गया है.
Meerut News Today: मेरठ में पुलिस के जरिये अवैध वसूली का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है. जिस 112 नंबर से पुलिस से मदद मांगी जाती है, उसी के जरिये मेरठ के चार वाले पुलिस और एक होमगार्ड का जवान अवैध वसूली के लिए इस्तेमाल करते थे. आरोपियों फर्जी कॉल के जरिये अवैध वसूली की कई वारदातों को अंजाम दे चुके हैं.
हालांकि पुलिस वाले जिस 112 नंबर का इस्तेमाल कर शातिर ढंग से अवैध वसूली के लिए करते थे, यह अपने उसी जाल में फंस गए. इन आरोपियों ने अवैध वसूली का गोरखधंधा चलाने के लिए एक सिंडिकेट तैयार किया था. मेरठ एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने जांच कराई तो चौंकाने वाला मामला सामने आया है. एसएसपी ने पांचों आरोपी पुलिस वालों को सस्पेंड कर उन पर मुकदमा दर्ज कराया है.
फर्जी इवेंट क्रिएट करते थे आरोपी
मेरठ के देहात इलाके के परीक्षितगढ़ थाने की पीआरवी पर तैनात हेड कांस्टेबल यशपाल सिंह, प्रमोद कुमार, जितेन्द्र कुमार और ड्राइवर राजन अपने साथ होमगार्ड सुशील कुमार को रखते थे. चारों पुलिस वाले बुलंदशहर में पीआरवी में ही तैनात थे और हाल ही में उनका तबादला मेरठ हुआ था.
इस वारदात को अंजाम देने के लिए चारों आरोपी पुलिस वालों ने फर्जी कार्ड लिया था. किसी गांव में अवैध वसूली करने के लिए ये फर्जी आईडी वाली सिम से 112 नंबर पर कॉल करा देते थे. इसके बाद लखनऊ से मौके पर जाने का आदेश होता था. मौके पर पहुंचकर ये सट्टा, अवैध शराब, झगड़ा या अन्य मारपीट के मामले में आरोपी को पकड़कर ले आते थे.
इस दौरान गांव के बाहर पहुंचने पर आरोपी पुलिस वाले पकड़े गए कथित अभियुक्त से सौदेबाजी और वसूली करके उसे छोड़ देते थे. इसके बाद ये 112 पर सूचना देते थे कि मौके पर गए थे, वहां हालात सामान्य है. ये पांचों न जाने कबसे अवैध वसूली का सिंडिकेट चला रहे थे.
अपने ही जाल में फंसे आरोपी
मामला 23 अक्टूबर का है. 112 नंबर पर सूचना मिली थी कि गांव में अवैध शराब की बिक्री हो रही है. लखनउ से तुरंत मौके पर जाने के आदेश मिला. इसके बाद हेड कांस्टेबल यशपाल सिंह, प्रमोद कुमार, जितेन्द्र कुमार और ड्राइवर राजन अपने साथ होमगार्ड सुशील कुमार को लेकर मौके पर पहुंच गए.
फीडबैक के लिए जब लखनउ से उस नंबर पर फोन किया गया तो नंबर स्विच्ड ऑफ मिला. परीक्षितगढ़ में भी ज्यादातर मिली सूचनाओं में ऐसे ही हो रहा था. सूचना देने का नंबर बंद मिलता था. इसकी शिकायत मेरठ एसएसपी डॉ विपिन ताडा को मिली. एसएसपी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी ट्रैफिक को जांच सौंपी.
एसपी ट्रैफिक की जांच में पूरे मामले का पर्दाफाश हो गया. चार पुलिसवालों के साथ होमगार्ड अवैध वसूली कर रहा था. इस मामले में आरोपी पुलिस वालों के जरिये फर्जी इवेंट क्रिएट किए जाते थे और फिर अवैध वसूली का खेल होता था.
अधिकारियों को कैसे हुआ शक?
जांच में पता चला कि जिस मोबाइल नंबर से फोन आता था वह सिम कार्ड बुलंदशहर के रहने वाले किसी व्यक्ति की आईडी पर था. जिस मोबाइल फोन से फर्जी सूचना दी जा रही थी वो मोबाइल भी पीआरवी से बरामद कर लिया गया है. जांच में पता चला कि डयूटी खत्म होने के बावजूद ये पुलिसवाले फर्जी इवेंट क्रिएट करके वसूली करने के लिए खुद भी मौके पर जाते थे.
इन पुलिस वालों की सीडीआर खंगाली गई तो हकीकत से पर्दा उठ गया. चोरों की लोकेशन एक ही जगह मिली है और वो भी ड्यूटी खत्म होने के बाद. कई बार 112 पीआरवी जिस घटना स्थल पर जाती थी वहां कई-कई घंटों रूक जाती थी. इसके बाद शक गहरा होने लगा कि जब हालात सामान्य हैं तो फिर पीआरवी उसी लोकेशन पर कई-कई घंटें क्यों खड़ी है.
चारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज
मेरठ एसएसपी विपिन ताडा ने 112 नंबर पर फर्जी सूचना देकर वसूली करने वाले चारों पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया है. हेड कांस्टेबल यशपाल सिंह, प्रमोद कुमार, जितेन्द्र कुमार और ड्राइवर राजन और होमगार्ड सुशील कुमार के खिलाफ मेरठ के सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज कराया है.
एसएसपी विपिन ताडा ने बताया कि ये चारों पुलिसवाले फर्जी इवेंट क्रिएट करके वसूली कर रहे थे. जांच में आरोप सही निकले, जिसके बाद चारों को सस्पेंड कर धारा 420 सहित कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.
मेरठ एसएसपी ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं, जिससे इनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जा सके. उनका कहना है कि कई पुरानी शिकायतों और पुराने मामलों की भी जांच की जा रही है.
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