मेरठ. मेरठ में गंगा सफाई अभियान और कोरोना काल के दौरान हुए पर्यावरण में सुधार के कारण डाल्फिन के कुनबे में बड़ी बढ़ोतरी हुई है. गंगा में बिजनौर बैराज घाट से नरौरा तक 5 से 11 अक्टूबर तक वाइल्ड लाइफ और वन विभाग की संयुक्त टीम ने डॉल्फिन की गणना की. जिसमें बिजनौर से नरौरा तक 41 डॉल्फिन पाई गई हैं. जिसमे 4 बच्चे भी शामिल हैं. वहीं, जानकारों की माने तो गंगा के निर्मल होने से डॉल्फिन की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. अगर हम 2015 से अबतक के डॉल्फिन गणना की बात करे तो बिजनौर बैराज से गढ़मुक्तेश्वर होते हुए नरौरा बैराज तक गणना के दौरान वर्ष 2015 में 22, डॉल्फिन 2016 में 30, डॉल्फिन 2017 में 32 डॉल्फिन और वर्ष 2019 में 35 डाल्फिन मिली थीं.
गंगा की सफाई का दिखा असर
एबीपी गंगा से खास बातचीत में मेरठ की डीएफओ आदिति शर्मा ने बताया की गंगा की सफाई का अभियान पिछले 5 सालों से निरंतर चल रहा था और यही वजह है कि डॉल्फिन की संख्या में 5 सालों में दूने का इजाफा हुआ है. 2015 में डॉल्फिन की संख्या महज 22 थी, लेकिन प्रशासन के प्रयासों से महज 5 सालों में इनकी संख्या दूनी होती हुई दिख रही है जो एक सकारात्मक परिणाम है.
वहीं, वन अधिकारी ने बताया कि गंगा की सफाई का अभियान लगातार जारी है और गंगा स्वच्छ और निर्मल बनी रहे इसके लिए वन विभाग और क्षेत्रीय प्रशासन लगातार प्रयासरत है. वहीं, सरकार की 'नमामि गंगे योजना' काफी कारगर साबित हो रही है, जिसके चलते घाटों का सुंदरीकरण गंगा की सफाई अतिक्रमण हटाने जैसे प्रयास निरंतर जारी हैं.
2022 तक 60 लक्ष्य
प्रदेश सरकार द्वारा गंगा यात्रा निकालकर गंगा को निर्मल और अविरल बनाने का जो प्रयास था, वह काफी सार्थक साबित हो रहा है. यही वजह है कि इस यात्रा के बाद गंगा की निर्मल और स्वस्थ होने में काफी तेजी देखने को मिली है. यह बरकरार रहे इसके लिए वन विभाग और प्रशासन लगातार प्रयासरत है और उम्मीद जताई जा रही है कि 2022 तक इन डॉल्फिन की संख्या 41 से बढ़कर 60 हो जाएगी.
साफ सफाई वाला जीव है डॉल्फिन
आपको बता दें डॉल्फिन एक ऐसा जीव है जो साफ सफाई ज्यादा पसंद करता है. अगर गंगा दूषित होगी तो ये डॉल्फिन नजर नहीं आएंगे. जैसे जैसे गंगा स्वच्छ और निर्मल होती जाएंगी, इन डॉल्फिन की संख्या बढ़ती जाएगी. इसका जीता जागता उदाहरण डॉल्फिन की बढ़ती संख्या है. जिस तरीके से पिछले कुछ सालों से गंगा की सफाई का अभियान तेजी से चलाया गया है. उसे कहीं ना कहीं गंगा स्वच्छ और निर्मल हुई जिसकी वजह से डॉल्फिन जैसे प्राणी अठखेलियां करते नजर आ रहे हैं.
डॉल्फिन की संख्या में लगातार हो रही बढ़ोतरी से पर्यटन विभाग भी काफी खुश नजर आ रहा है. उसे उम्मीद है की डॉल्फिन को देखने वाले पर्यटकों की संख्या तेजी से बढ़ेगी और इससे क्षेत्रीय आर्थिक विकास होगा.
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