Meerut News: मेरठ के ज़ाकिर नगर में तीन मंजिला मकान जिस तरह भरभराकर गिरा, उसकी धमक से आज भी लोग सहमे हैं, उनकी आँखों से वो भयावह मंजर जाने का नाम नहीं ले रहा है जब तेज धमाके के साथ पूरा मकान धराशायी हो गया और चारों तरफ धूल के गुबार उड़ रहे थे. इलाक़े में कुछ पलों के लिए अंधेरा सा छा गया और लोग बचाओ-बचाओ चिल्ला रहे थे.
हापुड़ रोड पर स्थित जाकिर कॉलोनी गली नंबर आठ में नफ्फो बीबी का आशियाना अब ईंट और रेत के मलबे में तब्दील हो गया है. नफीसा उर्फ नफ्फो के बेटे नईम ने बताया जब ये हादसा हुआ घर में नफ्फो, उनका बेटा साजिद, साजिद की पत्नी सायमा, साजिद का बेटा साकिब, बेटी सानिया, बेटी रिजा, साजिद के भाई नईम की पत्नी अलीशा, अलीशा की बेटी रिम्शा, साजिद का भाई नदीम और उसकी पत्नी फरहाना, साजिद के मामा पप्पू का बेटा सूफियान और दूसरे मामा सरफराज की बेटी मकान में मौजूद थी.
ताश के पत्तों की तरह ढहा मकान
तीन मंजिला मकान देखने में मजबूत लगता था लेकिन किसी को इस बात का इल्म ही नहीं था कि इस मकान की नीव इतनी कमजोर है कि ऊपरी मंजिल कभी भी जमीदोज हो जाएंगी. जब ये मकान गिरा तो शुरू में किसी को समझ नहीं आया, लेकिन फिर सबके चेहरों का रंग उड़ गया. मकान के मलबे में 11 ज़िंदगियां दबी हुई थीं. चश्मदीदों ने आँखों देखा जो हाल बताया है उससे हर किसी के होश उड़ गए हैं.
चश्मदीदों ने बताया खौफ की कहानी
जाकिर कॉलोनी में हुए हादसे के चश्मदीद मोहम्मद मोबीन ने बताया कि वो उस वक्त मकान से 50 गज की दूरी पर थे. तेज धमाके की आवाज आई तो वो डर गए. तभी धूल आसमान भर गया. पता चला कि नफ्फो बीबी का मकान गिर गया है और घर के लोग उसी मलबे में दब गए हैं.
एक और चश्मदीद फिरोज अहमद ने बताया कि वो नफ्फो बीबी के रिश्तेदार हैं और पड़ोसी भी. चंद कदमों की दूरी पर ही उनका घर है. उन्होंने कहा कि धमाके की आवाज सुनकर वो भी दौड़ते हुए बाहर आए, उन्होंने देखा कि जहां तीन मंजिला मकान था वहां अब मलबा था. चारों तरफ से बचाओ..बचाओं की आवाजें आ रही थीं.
इलाके के पार्षद इकराम बालियान ने कहा कि जब वो यहां पहुंचे तो पता चला कि नीचे 11 लोग और कई मवेशी दबे हैं, बच्चे भी हैं. इसके बाद उनके दिल की धड़कनें बढ़ गईं. उन्होंने तुरंत अधिकारियों को फोन मिलाया, जिसके बाद राहत बचाव कार्य शुरू किया गया.
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