Meerut News: अखिल भारतीय जाट महासभा की ओर से मेरठ में प्रांतीय सम्मेलन का आयोजन किया गया. सम्मेलन में एक बार फिर जाट आरक्षण का मुद्दा उठा. वक्ताओं ने कहा कि अब आरक्षण के लिए आर पार की लड़ाई होगी. जरूरत पड़ी तो बलिदान देने से भी पीछे नहीं हटेंगे. सम्मेलन को भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने संबोधित करते हुए जाटों को आरक्षण दिने जाने की वकालत की. उन्होंने हर क्षेत्र में जाटों के योगदान को याद करते हुए कहा कि आरक्षण जाट समाज का हक है.


लोकसभा चुनाव से पहले तेज हुई जाट आरक्षण की मांग


नरेश टिकैत मुख्य वक्ता के तौर पर कार्यक्रम में बुलाए गए थे. उन्होंने कहा, 'हमारा चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है बल्कि जाट अस्तित्व बचाने के लिए एकजुट हुए हैं.' उन्होंने जाट समाज के इतिहास को दबाने का आरोप लगाया. अखिल भारतीय जाट महासभा के राष्ट्रीय महासचिव युद्धवीर सिंह और प्रदेश अध्यक्ष प्रताप चौधरी ने कहा कि आरक्षण हमारा हक और हर हाल में लेकर रहेंगे. इसके लिए चाहे हमे आंदोलन ही क्यों न करना पड़े. अखिल भारतीय जाट महासभा का सम्मेलन कंकरखेड़ा के शगुन फार्म हाउस में आयोजित किया गया था. प्रांतीय सम्मेलन में राष्ट्रीय लोकदल के भी कई नेता भी शामिल हुए.


केंद्र में बीजेपी सरकार पर कमजोर पैरवी का लगा आरोप


रालोद के राष्ट्रीय सचिव राजकुमार सांगवान ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2014 में चौधरी अजित सिंह के अथक प्रयासों से केन्द्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने जाटों को केन्द्र में आरक्षण दिया था, लेकिन उस साल हुए लोकसभा चुनाव के बाद केन्द्र में बनी बीजेपी सरकार की कमजोर पैरवी के कारण केन्द्र में जाट आरक्षण रद्द हो गया. जाट आरक्षण को वापस पाने के लिए जाट समाज हर स्तर पर लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है. इस मौके पर अखिल भारतीय राष्ट्रीय जाट महासभा के प्रदेश जिला संयोजक सुधीर चौधरी और पंजाब, दिल्ली और हरियाणा समेत कई राज्य से आये जाट समाज के लोग शामिल रहे. 


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