Kanwar Yatra 2023: पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (PVVNL) की प्रबंध निदेशक चैत्रा वी को मेरठ कांवड़ हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट मिल गई है. रिपोर्ट के आधार पर एमडी चैत्रा वी ने कहा कि जांच में हादसे का जिम्मेदार कोई भी बिजली कर्मी-अफसर नहीं मिला. उन्होंने बिजली विभाग को क्लीन चिट दे दी. बता दें कि शनिवार रात कांवड़ियों का डीजे भावनपुर के राली चौहान गांव में 11 हजार केवी हाई टेंशन तार से टकराया गया था. डीजे में करंट आने की वजह से छह कांवड़ियों की मौत हो गई और 15 झुलस गए थे.


कांवड़ हादसे का जिम्मेदार कौन?


ग्रामीणों ने कांवड़ियों की मौत मामले में बिजली विभाग के जेई को दोषी ठहराया था. ग्रामीणों का आरोप था कि जेई ने शटडाउन की बात को नजरअंदाज कर बिजली दोबारा चालू कर दी. कांवड़ियों का डीजे 11 हजार केवी की लाइन के चपेट में आने से दर्दनाक हादसा हो गया.


रविवार शाम एक तरफ परिजन हादसे का शिकार हुए छह कावड़ियों का अंतिम संस्कार कर रहे थे दूसरी तरफ एमडी हादसे के लिए जिम्मेदार बिजली विभाग को क्लीन चिट दे रही थीं. एमडी चेत्रा वी ने कहा कि डीजे कांवड़ की ऊंचाई मानक से ज्यादा था.


शुरुआती जांच में क्या पता चला?


उन्होंने बताया कि शासन की तरफ से 12 फीट ऊंचा कांवड़ रखने के आदेश को नजरअंदाज कर 22 फीट कर दिया गया. चैत्रा वी ने कहा कि कांवड़ यात्रा से पहले आला अधिकारियों ने साफ कहा था कि कांवड़ 12 फीट से अधिक ऊंचा नहीं होना चाहिए.


'मानक से ज्यादा ऊंचा था कांवड़'


सड़क हादसे का शिकार हुए कांवड़ की ऊंचाई 22 फीट थी. ग्रामीणों के झूठ बोलने पर उन्होंने कहा कि शटडाउन के लिए मौखिक या लिखित आवेदन नहीं था. इसलिए बिजली विभाग को जिम्मेदार नहीं ठहाराया जा सकता. चैत्रा वी के बयान से प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं. शासन के आदेश का पालन कराने की जिम्मेदारी प्रशासन की थी.


12 के बजाए 22 फीट कांवड़ ऊंचा होने पर प्रशासन ने कार्रवाई क्यों नहीं की. मृतकों के गांव में पहुंचकर जिलाधिकारी ने परिजनों को मुआवजे का भरोसा दिलाया. दोनों बालिग मृतकों को 6-6 लाख के मुआवजे की घोषणा उन्होंने कही. चार नाबालिग मृतकों को 1-1 लाख की आर्थिक मदद मिलेगी. 


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