UP News: पूरे देश में औरंगजेब को लेकर बहस छिड़ी है. इसी बीच मेरठ के औरंगाबाद गांव के बोर्ड पर कालिख पोत दी गई. शरारती तत्वों ने बोर्ड पर कालिख पोतकर पूरा नाम ही ढक दिया. समाजवदी पार्टी नेता ने इस कालिख पोते गए बोर्ड की वीडियो और फोटो डीजीपी को ट्वीट कर डाली. अब यह फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
मेरठ के मवाना बिजनौर हाइवे पर औरंगाबाद गांव बसा हुआ है. यहां हाइवे पर हरे रंग का औरंगाबाद गांव का बोर्ड लगा है. कुछ शरारती तत्वों ने इस बोर्ड पर कालिख पोतकर औरंगाबाद नाम को छिपा दिया. सपा छात्र सभा के राष्ट्रीय महासचिव बाबर चौहान ने रास्ते से गुजरते वक्त देखा तो बोर्ड पर कालिख थी. उन्होंने वीडियो बनाई और यूपी के डीजीपी को ट्वीट कर दी. बस फिर क्या था मेरठ पुलिस तुरंत ही एक्शन में आ गई और गंगानगर थाना पुलिस ने बोर्ड से कालिख साफ करा दी.
आरोपियों के खिलाफ एक्शन की तैयारी
इंस्पेक्टर अनूप सिंह खुद मौके पर पहुंचे और कालिख साफ करा दी. सपा नेता बाबर चौहान का कहना है कि औरंगजेब जोड़कर देख रहे होंगे. औरंगाबाद का नाम इसलिए शरारती तत्वों ने कालिख पोती होगी. उनके खिलाफ सख्त एक्शन होना चाहिए. डीजीपी और मेरठ पुलिस का धन्यवाद कि तुरंत एक्शन लेकर बोर्ड साफ करा दिया.
औरंगाबाद के बोर्ड पर कालिख पोतने के मामले में मेरठ शहर विधानसभा से सपा विधायक हाजी रफीक अंसारी का कहना है कि अदब खराब करने वालों पर सख्त एक्शन होना चाहिए. मेरठ 10 मई 1857 की क्रांति का शहर है और अंग्रेजों के खिलाफ हिंदू मुस्लिम साथ मिलकर लड़े और मुल्क आजाद कराया है. शरारती तत्वों पर पुलिस कठोर कार्यवाही करें. गड़े मुर्दे उखाड़ने की जरूरत नहीं है देश कानून से चलेगा.
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डॉ लक्ष्मीकांत वाजपई के तेवर भी तल्ख
मवाना बिजनौर मार्ग के औरंगाबाद गांव के बोर्ड पर कालिख पोतने के मामले पर बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्य सभा सांसद डॉक्टर लक्ष्मीकांत वाजपई भी तल्ख तेवर में दिखे. बीजेपी सांसद ने कहा कि बोर्ड पर कालिख पोतकर वातावरण बिगाड़ने की बात उचित नहीं है. बता दें कि नागपुर में इस विवाद के बीच हिंसा भी हुई है.
(मेरठ से सनुज शर्मा की रिपोर्ट)