हापुड़, भाषा। मेरठ लोकसभा सीट के सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने लोकसभा में शून्यकाल के दौरान मेरठ में उच्च न्यायालय की खंडपीठ की स्थापना किये जाने की मांग की।


लोकसभा में इस मामले पर बोलते हुए न्याय व्यवस्था की समीक्षा की मांग उठाते हुए राजेंद्र अग्रवाल ने कहा, “यह मांग बहुत पुरानी है। पिछले लगभग 40 वर्षों से इसके लिए आंदोलन हो रहा है। मैंने भी इस मांग को लोकसभा में अनेक बार शून्यकाल में उठाया है, निजी विधेयक भी लाया था तथा इस विषय में संबंधित मंत्रियों से भी भेंट की है। मेरठ के अतिरिक्त आगरा तथा गोरखपुर में भी इलाहाबाद उच्च न्यायालय की खंडपीठ स्थापित करने की मांग उठाई जाती रही है। देश के अन्य प्रदेशों में भी उनके उच्च न्यायालयों की खंडपीठ स्थापित किये जाने की मांग अनेक सांसद उठाते रहे हैं।”


उन्होंने कहा की किसी भी प्रदेश में उच्च न्यायालय की खंडपीठ स्थापित करना वर्तमान व्यवस्थाओं के तहत बहुत कठिन है। सम्बंधित उच्च न्यायालय की स्वीकृति तथा सम्बंधित प्रदेश सरकार की स्वीकृति के बिना यह संभव नही है नतीजन बढती हुई जनसंख्या के बावजूद कहीं भी उच्च न्यायालयों की खंडपीठ स्थापित नही हो पा रही हैं तथा लंबित मामलों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है।


वर्तमान में भारत की अदालतों में कुल साढ़े तीन करोड़ मामले लंबित हैं जिनमें 46 लाख उच्च न्यायालयों में तथा तीन करोड़ से भी अधिक अधीनस्थ न्यायालयों में लंबित हैं। इनमें से सात लाख से अधिक मामले अकेले उत्तर प्रदेश के उच्च न्यायालय में लंबित हैं। उच्चतम न्यायालय में भी 59 हजार मामले लंबित हैं।