Meerut News: मेरठ नगर निगम एक बार फिर सुर्खियों में है. इस बात पर नगर निगम पर जो जुर्माना लगा है, उसकी चर्चा हर तरफ चल रही है. जुर्माना भी छोटा मोटा नहीं है बल्कि पांच करोड़ रूपये का है. नगर निगम पर ये जुर्माना लगते ही अफसरों को पसीना आ गया है. इस पांच करोड़ रुपए के जुर्माने की रकम को 15 दिन के भीतर ही जमा करना पड़ेगा और इस बात ने भी नगर निगम के अधिकारियों की नींद उड़ा डाली है.
मेरठ नगर निगम के अफसरों की लापरवाही की वजह से पांच करोड़ रूपये का जुर्माना लगा है.उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नगर निगम पर पांच करोड़ रूपये का जुर्माना लगाने की कार्रवाई की है.शहर में कूूड़े के पहाड़ हैं और उनका पूरी तरीके से निस्तारण कराने में नगर निगम के अधिकारी नाकाम रहे और यही नाकामी नगर निगम पर भारी पड़ गई है. एनजीटी में हुई सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कार्रवाई की रिपोर्ट पेश कर दी. नगर निगम पर जो पांच करोड रुपये की पेनाल्टी लगी है, उसकी चर्चा पूरे मेरठ ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में हो रही है.
आरटीआई एक्टविस्ट लोकेश खुराना ने दायर की थी याचिका
मेरठ में आरटीआई एक्टविस्ट लोकेश खुराना ने एनजीटी में लोहिया नगर में अवैध रूप से कूड़े का पहाड होने और प्रतिदिन उत्सर्जित कूड़े का वैज्ञनिक विधि से निस्तारण न करने को लेकर एनजीटी में याचिका दायर की थी.एनजीटी के निर्देश पर गठित की गई टीम ने लोहिया नगर में अस्थाई डंपिंग ग्राउंड, डोट टू डोर कूड़ा कलेक्शन, कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन और नौचंदी मैदान के कलेक्शन सेंटर का निरीक्षण किया था.
नगर निगम पर पांच करोड़ का लगा जुर्माना
मेरठ में करीब 900 मीट्रिक टन कूड़ा उत्सर्जित होता है, लेकिन नगर निगम के अधिकारी वैज्ञानिक विधि से कूड़े का निस्तारण ही नहीं करा रहें हैं. संयुक्त टीम ने अपनी रिपोर्ट एनजीटी को भेज दी थी. इसके बाद एनजीटी ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को लोहियानगर में डंप कचरे का सही आंकलन कर जुर्माना लगाने का निर्देश दिया था, जिसके बाद मेरठ नगर निगम पर पांच करोड़ का जुर्माना लगाया गया.
मेरठ शहर की स्थिति को जानना भी जरूरी है
मेरठ में हर रोज करीब 900 मीट्रिक टन कूड़ा उत्सर्जित होता है. मेरठ नगर निगम क्षेत्र में 100 से ज्यादा खत्ते हैं. लोहियानगर में कूड़े के पहाड़ बने हुए हैं और करीब 10 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा कूड़ा वहां पर डंप है.दो लाख मिट्रिक टन से ज्यादा कूड़ा मंगतपुरम में डंप है.मेरठ में 600 मीट्रिक टन क्षमता का प्लांट है जिससे कूड़े का निस्तारण किया जाता है. क्षमता कम है और कूड़े का उत्सर्जन ज्यादा है, जबकि कूड़े के पुराने पहाड़ भी लगे हुए हैं, इस लिहाज से कई सालों तक भी इस कूड़े के निस्तारण के हालात नजर नहीं आ रहें हैं और लोहियानगर में कूड़े के पहाड़ों की वजह से आसपास के इलाकों में रहने वाले लोग परेशान हैं.
अधिकारी बोले, मजबूती से फिर रखेंगे अपना पक्ष
मेरठ नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही की वजह से ही पांच करोड़ रूपये का जुमार्ना नगर निगम पर लगाया गया है. इस बारे में जब हमने नगरायुक्त डा. अमित पाल शर्मा से बात की तो उन्होंने बताया कि हमने समय से जवाब भेज दिया था.ये प्रकरण 2020 के दौरान का है.उस समय न तो कूड़ा प्लांट चल रहा था और न ही डोर-टू-डोर गाड़ियां कूड़ा उठा रही थी.अब ये चीजे बदली हैं और एनटीपीसी से साथ भी हमारा एग्रीमेंट होने जा रहा है.हम पूरी मजबूती से फिर पक्ष रखेंगे और इस जुर्माने के निस्तारण का पूरा प्रयास करेंगे.
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