उत्तर प्रदेश: मेरठ की मुस्लिम बहनें अयोध्या के रामलला के लिए अपने हाथों से तैयार की गईं राखियां भेजेंगी. राखी भेजने वाली शाहीन परवेज का कहना है कि रामलला किसी एक समुदाय या धर्म के नहीं बल्कि 130 करोड़ हिन्दुस्तानियों के दिल में बसते हैं, जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सभी मुस्लिम समाज के लोगों ने आस्था जताई, उसी तरह अब उनके मंदिर निर्माण में मुस्लिम समाज भी जुटा हुआ है.
शाहीन परवेज कुछ महिलाओं के साथ मिलकर पिछले 10 दिनों से रामलला के लिए राखी तैयार कर रही हैं, जो आज तैयार हो गई हैं. शाहीन परवेज तो खुद अपने हाथों से रामलला को राखी बांधना चाहती थीं, लेकिन कोरोना काल के चलते वो नहीं जा पा रहीं इसलिए राखी कुरियर के जरिए भेज रही हैं.
शाहीन परवेज का मानना है कि मर्यादा पुरषोत्तम राम सबके हैं, चाहे वो मुस्लिम हो या किसी और मजहब का और इस देश की पहचान भी श्री राम से है. बाबर या हुमायूं से नहीं. इस देश में राम राज आया है और सभी को इसे दिल से कबूल करना चाहिए.
राम नाम से सजी हुई राखियों को मेरठ की शाहीन परवेज, रेशमा, नीलम, शबनम, फरहीन और फरजाना ने मिलकर बनाई है. इस अनूठी राखी में हर दिशा में राम नाम ही लिखा हुआ है. बीच में एक मोरपंख बना हुआ है. राखी के उत्तर, दक्षिण, पूरब, पश्चिम हिस्से में बस एक ही नाम लिखा है, राम. इन महिलाओं का कहना है कि इस राखी को आस्था के साथ बनाया गया है.
इन महिलाओं का कहना है कि पांच अगस्त को श्री राम मंदिर निर्माण की नींव रखी जानी है. इसलिए उन्होंने ये राखी अपने रामलला के लिए तैयार की है. मुस्लिम महिलाओं का कहना है कि पांच सौ साल बाद राम मंदिर का भव्य निर्माण होने जा रहा है. रामलला को टेंट से मुक्ति मिली है.
इन मुस्लिम महिलाओं का कहना है कि उन्होंने राम मंदिर निर्माण के लिए कसम ख़ुदा की खाएंगे मंदिर श्रीराम जन्म स्थान पर बनवाएंगे का नारा भी लगाया था. महिलाओं का कहना है कि उपरवाले ने उनकी दुआ कबूल कर ली है.
शाहीन परवेज का कहना है कि उन्हें श्रीराम मंदिर निर्माण को लेकर दिल से खुशी है और उन्होंने ये राखी दिल के तारों से पिरोई है. राखी बनाने वाली इन मुस्लिम महिलाओं ने भारत माता का जयकारा भी लगाया.
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