UP News: उत्तर प्रदेश में मेरठ नगर निगम का बड़ा कारनामा सामने आया है. हाउस टैक्स का बकाया चुकता नहीं करने पर यूपी रोडवेज के रीजनल मैनेजर कार्यालय को सील कर दिया. गेट पर सील लगने की वजह से 35 कर्मचारी और अधिकारी अंदर कैद कर हो गए. अधिकारी और कार्यालय में मौजूद रहते हुए निगम कर्मियों ने कार्रवाई की. रीजनल मैनेजर कार्यालय पर 30 करोड़ का हाउस टैक्स बकाया है. नगर निगम के कर्मियों ने सहायक रीजनल मैनेज वित्त मुकेश अग्रवाल और वरिष्ठ लेखाकार भारत भूषण को भी कैद कर दिया गया.


सरकारी दफ्तर को किया गया सील


यूपी रोडवेज के अधिकारी बाहर आने की गुहार करते रहे. नगर निगम के कर्मचारियों ने अनसुना कर ताला डाल दिया. अंदर कैद रोडवेज कर्मियों ने नगर निगम के खिलाफ जमकर नारेबाजी. आला अधिकारियों के फोन घनघनाएं. उन्होंने कैद से रिहा कराने की अपील की. नगर निगम के जोनल प्रभारी राजेश कुमार ने बताया कि 30 करोड़ का बकाया की वसूली के लिए कार्यवाही की जा रही है. कहने के बावजूद कार्यालय से कर्मचारी बाहर नहीं आए.


30 करोड़ का हाउस टैक्स है बकाया


सरकारी दफ्तर के खिलाफ नगर निगम की कार्यवाही से चर्चा का बाजार गर्म हो गया. सरकारी दफ्तर पर तालाबमदी की कार्रवाई को स्थानीय लोगों ने सराहा. उन्होंने नगर निगम के फैसले पर खुशी जताई. जोनल प्रभारी राजेश कुमार के मुताबिक सीलिंग की कार्रवाई से पहले कर्मचारियों को दफ्तर खाली करने का आदेश दिया गया था. अधिकारियों और कर्मचारियों ने चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया. दफ्तर से बाहर नहीं निलकलने पर सख्त कदम उठाना पड़ा.  


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