Meerut News: मेरठ में खलनायक से आर्टिस्ट बना कैदी दूसरे बंदियों के लिए बना मिसाल, अब तक बना चुका है सैकड़ों पेंटिंग्स
UP News: यूपी के मेरठ में उम्रकैद की सजा काट रहा एक अपराधी सभी कैदियों के लिए मिसाल बन गया है. खलनायक से आर्टिस्ट बना यह कैदी अब तक इतनी पेटिंग्स बना चुका है.
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Meerut News: आमतौर पर जेल में लोग अपने किए गए अपराधों की सजा काटने के लिए पहुंचते है. लेकिन मेरठ कारागार में अपने अपराध की वजह से सलाखों के पीछे पहुंचा कैदी गौरव उर्फ अंकुर सिंह अब अन्य बंदियों के लिए एक मिसाल बन गया है. गौरव को पहले तो जेल में ही पेंटिग्स का शौक लगा, उसके बाद कई शानदार पेंटिंग बनाई लेकिन अब वो अन्य कैदियों को भी पेंटिंग सिखा रहा है. जेल अधीक्षक का कहना है कि अपराध की दुनिया में शामिल रहे कैदी को अगर सुधरने का मौका दिया तो उसे सुधारा भी जा सकता है.
कैदियों के लिए बना मिसाल
मेरठ के जिला कारागार के हत्या के जुर्म में सजा काट रहे कैदी अंकुर सिंह अब तक ढ़ाई सौ से अधिक पेंटिग्स बना चुका है और फिलहाल जेल में कुछ अन्य कैदियों को भी पेंटिग्स सिखा रहा है. अंकुर सिंह अपने इस हुनर के चलते जेल के अन्य कैदियों के लिए मिसाल बना हुआ है. वो खलनायक अब अन्य बंदियों के लिए मिसाल बन गया है. अंकुर अपनी हरकतों की वजह से पहले काफी सुर्खियों में रह चुका है.
जेल अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि रायबेरली जिले के बछरांवा थाना क्षेत्र का रहने वाला गौरव उर्फ अंकुर सिंह 302 का मुजरिम है और लखनऊ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा था. अपनी बिगड़ैल हरकतों के चलते अंकुर को एक जेल से दूसरी और दूसरी जेल से तीसरी जेल में भेज दिया गया.अंत मे मेरठ की जिला जेल में शिफ्ट कर दिया गया. खलनायक जैसी छवि रखने वाले अंकुर में ऐसा बदलाव हुआ है कि कल का खलनायक आज अन्य बंदियों के लिए मिसाल बन गया है.
अब तक बना चुका है इतनी पेटिंग्स
जेल अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि जेल में कुछ स्लोगन स्वच्छता को लेकर एक संस्था की ओर से लिखे जाने थे. उस वक्त जो पेंटर आए थे. उन्हें सहयोगी के तौर पर एक व्यक्ति की आवश्यकता थी. जेल अधीक्षक बताते हैं कि तब सीढ़ी पकड़ने के लिए मुजरिम गौरव उर्फ अंकुर को ही लगाया गया था. उन्होंने बताया कि कुछ दिन बाद वे लोग स्लोगन आदि लिखकर चले गए. लेकिन तभी से अंकुर को तस्वीर और आकृतियां बनाने का शौक लग गया.अंकुर के इस नए शौक की जानकारी जेल प्रशासन को हुई तो उसके लिए जेल प्रशासन ने भी उसकी मदद की. उसे कलर्स, ब्रश और अन्य सामग्री उपलब्ध कराई गई. कुछ ही दिनों में अंकुर में लगातार बदलाव हुए और वो अब अनेकों वॉल पेंटिंग और केनवास पेंटिंग बना चुका है.
जेल अधीक्षक ने आगे बताया कि सैकड़ों पेंटिंग बनाकर अपने हुनर से अब उसने खुद को बदल दिया है. उसके काम की खूब सराहना मिल रही है. अंकुर अब अन्य बंदियों को भी पेंटिंग्स बनाना सिखा रहा है. अंकुर ने अब तक तीस से अधिक वाल पेंटिंग बनाई हैं. जबकि ढाई सौ से अधिक केनवास पेंटिंग्स बनाई है. अंकुर हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा काट रहा है इसलिए उसे सजा में कोई छूट तो नही मिल सकती लेकिन फिलहाल कल का खलनायक आज अन्य कैदियों के लिए एक मिसाल बन कर उभरा है. जेल प्रशासन ने उसके इस बदले व्यवहार से उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया है.
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