Meerut News: यूपी (UP) के मेरठ (Meerut) के रहने वाले गौ तस्कर अकबर बंजारा (Akbar Banjara) और सलमान बंजारा (Salman Banjara) मंगलवार को असम पुलिस (Assam Police) के एनकाउंटर में मारे गए. इसके बाद से ही उसे लेकर तमाम तरह की बातें चल रही हैं. इस बीच कई सवाल उठ रहे हैं कि आखिर अकबर बंजारा का वो मकसद क्या था? जिसे पूरा करने की हसरत उसके दिल में रह गई. वो AK-47 क्यों रखता था, क्या अकबर बंजारा को कोई डर था या एके-47 रखकर वो किसी को डराना चाहता था? अकबर बंजारा की एके-47 कहां है? जिसे असम पुलिस तलाश रही है.


वहीं लग्जरी गाड़ियों से चलने वाले अकबर बंजारा ने आखिर दो छोटी कारों का इस्तेमाल क्यों किया? अकबर बंजारा की काली कुंडली ऐसी है कि जितना उसे समझा जा रहा है, उसकी गहराई उतनी ही निकलती जा रही है, अकबर बंजारा और उसका भाई असम पुलिस की मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं, लेकिन तमाम ऐसे सवाल हैं जिनके जवाब असम पुलिस, मेरठ पुलिस और खुफिया विभाग तलाश रहा है. गौ तस्करी के धंधे में अकबर बंजारा ने अरबों रुपये कमाए, प्रोपर्टी भी खरीदी, लेकिन एके-47 क्यों खरीदी ये बड़ा सवाल है?


अब कहां है एके-47?


क्या अकबर बंजारा किसी से डरकर एके-47 रखता था या फिर किसी को डराने के लिए? कहीं ऐसा तो नहीं कि अकबर बंजारा हथियारों की तस्करी में भी हाथ डाल रहा था. वो एक-47 लेकर कैसे आसानी से एक से दूसरी जगह चला जाता था? ये वो बात है जो कई सवाल खड़े कर रहे हैं. इस बीच एक और सवाल है का जवाब पिछले कई दिनों से असम पुलिस तलाश रही है कि आखिर एके-47 अब कहां है? क्या वो मेरठ में कहीं सुरक्षित है या फिर असम, मेघालय या मिजोरम में. बहरहाल एके-47 का अभी तक पता नहीं चला है.


ग्रांड आई-10 कार से क्यों घूम रहा था बंजारा


आखिर अकबर बंजारा को एके-47 किसने दी, ये भी असम पुलिस की जांच का बिंदु है. नार्थ ईस्ट का पशु तस्करी का बादशाह अकबर बंजारा एक राजा की जिंदगी जीता था, वो लग्जरी गाड़ियों में चलता था, लेकिन मेरठ में वो ग्रांड आई-10 और ऑल्टो-के-10 कार से क्यों घूम रहा था? ग्रांड आई-10 कार अकबर बंजारा के नाम है, जबकि आल्टो-के-10 इरशाद के, जो अकबर का रिश्तेदार बताया जा रहा है. ये दोनों कार मेरठ के फलावदा थाने में खड़ी हुई हैं. इन्हीं दो कारों से अकबर बंजारा अपने भाई सलमान और शमीम के साथ कहीं जा रहा था और पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था.


असम पुलिस ने 2 लाख रुपये का घोषित कर रखा था इनाम


गौरतलब है कि अकबर बंजारा पर असम पुलिस ने 2 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था. दरअसल, 13 अप्रैल को ही मेरठ पुलिस ने अकबर के साथ उसके भाई सलमान और शमीम को एक मामले में गिरफ्तार किया था. इसके बाद बी वारंट पर तीनों को असम पुलिस कोकराझार ले गई. फिर 19 अप्रैल को असम में अकबर और सलमान एक एनकाउंटर में मारे गए.


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