Meerut News: मेरठ में नाला सफाई अभियान के लिए लखनऊ से जो निर्देश दिए गए थे वो अल्टीमेटम गुरुवार को पूरा हो गया है. लेकिन मेरठ नगर निगम का नाला सफाई अभियान आज भी अधूरा है. नाले कूड़े से अटे पड़े हैं, दुर्गंध लोगों को जीने नहीं दे रही और नगर निगम सिर्फ दावों में उलझा है. मेरठ में नाला सफाई का 30 जून का अल्टीमेटम पूरा हो गया है.
30 जून का अल्टीमेटम पूरा होने के बावजूद नहीं हुई सफाई
मेरठ नगर निगम के अधिकारी दावों में उलझे रहे और बरसात सिर पर आकर खड़ी हो गई. लेकिन पटेल नगर के नाले का ये हाल है. जिससे आस पास के लोग भी परेशान हैं. सबसे बड़ी बात ये है कि ये नाला नगर निगम ऑफिस से करीब 800 मीटर दूर है. यानी नगर निगम के दावे हवा हवाई नजर आ रहे है, जो लखनऊ के अल्टीमेटम पर भी काम पूरा नहीं किया. दूसरा नाला कोटला घण्टाघर नाला को ओडियन नाले से जोड़ता है लेकिन कूड़े से ठस नाला बता रहा है कि यहां नगर निगम की टीम आकर झांकती ही नहीं.
3 नालों की बुरी है हालत
सबसे बड़ी बात ये है कि नगर निगम का दफ्तर यहां से केवल 200 मीटर की दूरी पर है यानी कि दिया तले अंधेरा. जब नगर निगम मेरठ के अधिकारी अपने से चंद कदमो की दूरी का नाला नहीं साफ कर पाए तो फिर बाकी नालों की क्या स्थिति होगी ये बताने की जरूरत नहीं. कुछ नाले जरूर साफ किये गए लेकिन बाकी ऐसे हैं कि नगर निगम को इनकी सुध लेने की फुरसत नहीं है. 3 नालों की बदहाली पर नगरायुक्त अमित पाल शर्मा से ने कहा कि पूरी ताकत झोंक रखी है और कोटला नाले पर बिजली विभाग के ट्रांसफार्मर की वजह से दिक्कत थी आज से सफाई हो जाएगी.
सोचने वाली बात ये है कि सीएम योगी ने 30 जून तक सभी नालों की सफाई का काम पूरा करने और इसकी रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए थे, लेकिन क्या मेरठ नगर निगम के अधिकारी झूठी रिपोर्ट भेजेंगे, क्योंकि अल्टीमेटम पूरा होने पर भी काम अधूरा है और ऐसे में अधूरी रिपोर्ट भेजना नगर निगम अधिकारियों को मुश्किल में डाल सकता है.
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