Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश (UP) के मेरठ (Meerut) में फर्जी टेलीकॉम एक्सचेंज (Fake Telecommunication Exchange) सिस्टम का पर्दाफाश हुआ है. मिनिस्ट्री ऑफ कम्युनिकेशन और एसओजी की टीम ने ज्वाइंट ऑपरेशन के तहत छापा मारा. जिसमें पूरा टेलीकॉम एक्सचेंज पकड़ा गया. इंटेलिजेंस की मानें तो फर्जी टेलीकम्युनिकेशन एक्सचेंज के जरिये देश की सुरक्षा को भी बड़ा खतरा था लेकिन हैरानी की बात यह है कि मेरठ में चौथी बार इस तरह का फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज पकड़ा गया है.
मेरठ के थाना गंगा नगर इलाके में यह फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज चल रहा था. इसके जरिये खाड़ी देशों से आने वाली कॉल को लोकल कॉल में कन्वर्ट किया जाता था. कॉल को लोग अपने आप मोबाइल फोन पर सुन सकते थे. लोगों के मोबाइल पर लोकल नंबर शो करता था जो कि एप्लीकेशन के जरिए जनरेट किया जाता था. इस फर्जी टेलीकॉम एक्सचेंज जरिये संचार मंत्रालय को करोड़ों रुपये का चूना लगाया जा रहा था. इतना ही नहीं पुलिस से बचने के लिए इस टेलीकॉम एक्सचेंज को एक बेड के अंदर लगाया गया था. पुलिस ने जब छापा मारा तो उन्हें घर में कुछ नहीं मिला लेकिन बाद में जब सघन तलाशी ली गई तो हकीकत खुलकर सामने आ गई. ऐसे फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज इससे पहले गोरखपुर, नोएडा और मुरादाबाद में भी पकड़े जा चुके हैं.
बिहार से लिए गए थे एक्सचेंज में इस्तेमाल होने वाले सिम
एसओजी की टीम ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है जिनसे पूछताछ की जा रही है. अब तक की जांच में सामने आया है कि टेलीफोन एक्सचेंज में इस्तेमाल होने वाले सिम बिहार से लिए गए थे और उसे ऑपरेट करने वाले लोग भी बिहार से जुड़े हैं. इसके लिए मेरठ के गंगानगर में एक फ्लैट किराए पर लिया गया था, जहां से यह पूरा सिस्टम चलाया जा रहा था. पड़ोसियों को भी इस रैकेट की कानों कान खबर नहीं थी. संचार मंत्रालय की सूचना पर इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया. जिसमें एक्सचेंज तो पकड़ा गया लेकिन असल आरोपी मौके से नदारद मिले. पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है.
मेरठ पुलिस ने क्या कहा
मेरठ के एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने कहा, ''सूचना मिली थी कि कुछ लोग यहां पर इंटरनेशनल कॉल को, जो लोकल कॉल है उसमें बदल देते हैं और लोगों को फोन पर बात कराते हैं, इसमें पुलिस की रेड हुई, उसमें लॉगर मिले हैं, साथ ही ढेर सारे सिम मिले हैं जो बिहार से इशू हुए हैं, जहां पर यह लगा हुआ था बताया जा रहा है वो किराए पर लिया हुआ था, उस व्यक्ति को हम ट्रेस कर रहे हैं, उसका पता मिल गया है और इसमें जांच की जा रही है कि इसमें और क्या प्रकरण हो सकता है. और जिलों से इस तरह की गतिविधियां सामने आई हैं. रेवेन्यू लॉस तो होता ही है लेकिन सिक्योरिटी थ्रेट भी रहता है, हम लोग उसकी जांच कर रहे हैं. अभी इसमें कुछ लोगों को पूछताछ के लिए लिया गया है. जो मुख्य आदमी है वो बिहार से संबंधित है, उसका पता भी हम वेरिफाई कर रहे हैं.''
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