Meerut News: मेरठ नगर निगम में मचा सियासी घमासान, मेयर ने स्टेनो के निलंबन के बाद लगाए गंभीर आरोप
Meerut Municipal Corporation: मेयर इस निलंबन के पीछे बड़ी साजिश मान रहीं है. मेयर समर्थित पार्षद भी इस निलंबन को लेकर गुस्से में हैं और आर-पार की लड़ाई का एलान कर चुके हैं.
Meerut News: निकाय चुनाव (Nikay Chunav 2022) से पहले मेरठ नगर निगम की सियासत में बड़ा घमासान शुरू हो गया है. मेयर के स्टेनो के निलंबन से आस्तीन तन गई हैं. मेयर ने इसे खुद के खिलाफ नगरायुक्त की साजिश मान लिया है. मेयर खेमे के पार्षद भी आग बबूला हैं. मामला इस कदर गरमाया हुआ है कि 9 नवंबर की बोर्ड बैठक में इस पर बड़ा घमासान मच सकता है. हालांकि बीजेपी इस मुद्दे पर पानी डालने की जद्दोजहद में है. चूंकि मेयर सपा की हैं और बीजेपी इस बार खुद का मेयर जिताने की जुगत में है. तो ऐसे में साइकिल और फूल की जंग देखना दिलचस्प होगा.
क्या है पूरा मामला?
मेयर सुनीता वर्मा के स्टेनो पंकज शर्मा को चार साल पुराने तेल घोटाले के आरोप में सस्पेंड कर दिया गया. इसके बाद मेयर समर्थित पार्षद आग बबूला हो गए. मेयर इस निलंबन के पीछे बड़ी साजिश मान रहीं है. उनका आरोप है कि सफाई कर्मचारियों के वेतन बढ़ाने के मुद्दे पर जो नगर निगम बोर्ड बैठक में नगरायुक्त अमित पाल शर्मा के साथ हुआ उसका बदला लेने के लिए स्टेनो को चार साल पुराने मामले में सस्पेंड कर उन पर दबाव बना जा रहा है, जबकि उनसे पूछे बिना ये कार्रवाई की ही नही जानी थी. मेयर का कहना है वो किसी के दबाव में नहीं आने वाली हैं और 9 नवंबर को बोर्ड बैठक में हिसाब बराबर होगा.
दरअसल,19 अक्टूबर को मेरठ नगर निगम बोर्ड बैठक में सफाई कर्मचारियों का वेतन 16 हजार से ज्यादा करने का प्रस्ताव रखा गया, जिसपर नगरायुक्त अमित पाल शर्मा ने खजाने पर भारी बोझ पड़ने से वेतन बढ़ाने में असमर्थता जता दी. इसके बाद खूब बवाल हुआ और सफाई कर्मचारियों ने जोरदार हंगामा किया और नगरायुक्त को एसपी सिटी ऑफिस जाकर बैठना पड़ा. अब अचानक से मेयर के स्टेनो के निलंबन की कार्रवाई ने सियासी हवा बदल डाली और विपक्ष को बड़ा मुद्दा दे दिया है. मेयर समर्थित पार्षद भी इस निलंबन को लेकर गुस्से में हैं और आर-पार की लड़ाई का एलान कर चुके हैं.
इसलिए बना हुआ है गर्म माहौल
मेयर सुनीता वर्मा सपा से हैं और बीजेपी उन्हें घेरकर खुद के लिए बड़ा माहौल बनाना चाहती है. हालांकि इस मुद्दे पर बीजेपी ने साफ कर दिया है कि नगरायुक्त का अधिकार है वो किसे सस्पेंड करें. बीजेपी पार्षद दल नेता विपिन जिंदल का कहना है कि सफाई कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने का मुद्दा बीजेपी ने उठाया है, मेयर नहीं चाहती कि वेतन बढ़े. चूंकि मेरठ में सफाई कर्मचारियों की तादाद काफी है. ऐसे में सभी सफाई कर्मचारियों का खुद को हितेषी बताने से नहीं चूकना चाहते. ऐसे में विपक्ष सफाई कर्मचारियों के वेतन बढ़ाने और मेयर के स्टेनो के निलंबन के मुद्दे को गर्म रखकर बीजेपी और नगरायुक्त को घेरकर बड़ी रणनीति बना रहा है.
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