Meerut News: मेरठ में मानवता को शर्मसार करने वाला सामने आया है. भगवान का दूसरा रूप कहे जाने वाले डॉक्टर्स का दिल दुष्कर्म पीड़िता किशोरी का दर्द देखकर भी नहीं पसीजा. वो सरधना सीएचसी में चीखती रही, चिल्लाती रही, उसकी चीखें दूर तलक सुनाई देती रही, लेकिन चंद कदमों की दूरी पर बैठे डॉक्टर्स और स्टाफ के कानों तक नहीं पहुंची. आखिरकार किशोरी ने बेंच पर ही मरे हुए बच्चे को जन्म दे दिया.


मामला सरधना थाना इलाके के एक गांव का है. आरोप है कि सरधना थाना इलाके के एक गांव में 14 साल की किशोरी से पड़ोसी दो बच्चों के पिता ने डरा धमकाकर कई बार दुष्कर्म किया. किशोरी गर्भवती हो गई और किसी को पता नहीं चला. उसके पेट में दर्द हुआ तो डॉक्टर ने दवाई दे दी, लेकिन जब अल्ट्रा साउंड किया गया तो पता चला किशोरी 6 माह की गर्भवती है, इससे परिजनों के पैरो के नीचे से जमीन निकल गई. किशोरी को अचानक से ज्यादा दर्द हुआ तो उसे सरधना सीएचसी ले गए और वहां का स्टाफ सारी मर्यादाएं भूल गया. किशोरी तड़पती रही और डॉक्टर स्टाफ कमरे में बैठा रहा और आराम फरमाता रहा. किशोरी की तबियत बिगड़ी तो उसे जिला अस्पताल और फिर मेरठ मेडिकल रेफर किया गया. किशोरी की हालत गंभीर बनी हुई है.


डीएम ने दिए न्यायिक जांच के आदेश
दुष्कर्म पीड़िता किशोरी का मामला तूल पकड़ा तो पुलिस भी फ्रंट पर नजर आई. पुलिस ने किशोरी से दुष्कर्म के आरोपी सुभाष को गिरफ्तार कर लिया. एसपी देहात कमलेश बहादुर का कहना है कि बच्चे का डीएनए भी कराया जाएगा और आरोपी सुभाष से भी पूछताछ की जा रही है. पॉक्सो एक्ट सहित कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.


दुष्कर्म पीड़िता किशोरी को इलाज में लापरवाही बरतने के आरोपों पर डीएम मेरठ दीपक मीणा बेहद नाराज हैं. उन्होंने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं. एडीएम फाइनेंस सूर्यकांत त्रिपाठी, अपर नगर मजिस्ट्रेट सुश्री रश्मि बरनवाल और अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ प्रवीण गौतम की टीम गठित कर दी और 48 घंटे में जवाब मांगा है. टीम ने सरधना सीएचसी में जाकर जांच भी की है और अन्य साक्ष्य भी खंगाले जा रहे हैं.


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