Meerut News: नकली नोटों को असली बताकर चलाने वाले कई गिरोह के बारे में तो आपने सुना होगा. लेकिन गंगानगर पुलिस और एसओजी की टीम ने एक ऐसे गिरोह का खुलासा किया है जो असली नोटों को नकली बता कर मार्केट में सप्लाई करता था. दरअसल, गिरोह के मेंबर असली नोटों के बीच में कागज की गड्डी लगाकर इन्हें नकली नोट बताकर ग्राहकों को बेचते थे. जिसके बाद बदमाशों का ही साथी होमगार्ड अपने भाई की मदद से मौके पर पहुंच जाते थे. इस दौरान घबराहट के मारे नोट खरीदने वाला अपने असली नोट छोड़कर फरार हो जाता था और आरोपी इन पैसों को आपस में बांट लेते थे. 


पुलिस ने आधा दर्जन बदमाशों को किया गिरफ्तार 
पुलिस ने गिरोह के दो मास्टरमाइंड और उनकी मदद करने वाले होमगार्ड और उसके भाई सहित आधा दर्जन बदमाशों को गिरफ्तार किया है. शुक्रवार को एसपी क्राइम अनित कुमार ने पुलिस लाइन में पत्रकार वार्ता करते हुए यह सनसनीखेज खुलासा किया. एसपी क्राइम ने बताया कि गंगानगर पुलिस और एसओजी की टीम ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए ठगों के इस गिरोह को गिरफ्तार किया है. जिनमें गिरोह के मास्टरमाइंड मोहसिन और मेहताब सहित नाजिम, अरशद, सत्येंद्र शर्मा और उसका भाई कृष्ण शामिल हैं. आरोपियों के कब्जे से 500 रुपए की गड्डी के नौ बंडल और 200 रुपए की गड्डी के चार बंडल बरामद हुए हैं. 


इन गड्डियों में ऊपर नीचे असली नोट और बीच में नोटों के साइज के कागज को बड़ी ही सफाई से काटकर लगाया गया है. जिनमें कुल 13000 के असली नोट लगाए गए हैं. एसपी क्राइम ने बताया कि पुलिस और एसओजी की टीम को पिछले काफी समय से ठगों के इस गिरोह द्वारा कई घटनाओं को अंजाम देने की सूचना मिल रही थी. जिस पर कार्रवाई करते हुए इस गिरोह को धरा गया. पुलिस के मुताबिक बदमाशों का यह गिरोह नोटों की माला बेचने वाले लोगों से 200 और 500 के असली नोट खरीदता था. जिसके बाद इन नोटों को नकली बताकर ग्राहकों को सस्ते दामों में बेच दिया जाता था. 


ग्राहकों को जाल में ऐसे फंसाते थे
ग्राहक भी इन नोटों को नकली समझकर मार्केट में चला देता था. लेकिन क्योंकि यह नोट असली होते थे, इसलिए नोट खरीदने वाला पकड़ में नहीं आता था. जिसके बाद नोट खरीदने वाले के मन में लालच बढ़ जाता था और वह इन लोगों से मोटी डील करता था. जिसके बाद गिरोह के सरगना नोट खरीदने वाले को किसी अनजान जगह बुलाते थे. जहां उससे असली नोट लेकर उसे नकली नोटों की गड्डियां थमा दी जाती थीं. साथ ही मौके पर पैसे गिनने से मना करते हुए बदमाश नोट खरीदने वाले व्यक्ति के साथ अपने किसी साथी को यह कहकर भेजते थे कि वह नोट गिनवाने के बाद वापस लौट आएगा. मगर रास्ते में ही बदमाशों का साथी होमगार्ड सत्येंद्र अपने भाई कृष्ण के साथ नोट खरीदने वाले को दबोच लेता था. 


इस दौरान सत्येंद्र नोट खरीदने वाले को भागने का पूरा मौका देता था. नकली नोट खरीदने वाला घबराकर भाग जाता था और बदमाशों का साथी अपनी नकली नोटों की गड्डी लेकर सत्येंद्र के साथ वापस लौट जाता था. जिसके बाद यह सभी लोग नोट खरीदने वाले से ठगी गई रकम आपस में बांट लेते थे. एसपी क्राइम ने बताया कि बदमाशों का यह गिरोह अब तक भावनपुर, गंगानगर, कंकरखेड़ा और किठौर क्षेत्र में ठगी की लगभग 20 वारदातों को अंजाम दे चुका है. आरोपियों के पास से चार बाइक और मोबाइल भी बरामद किए गए हैं. सभी आरोपियों को जेल भेजा जा रहा है.


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