Meerut News: सीसीएसयू में हुए MBBS कॉपी घोटाले की SIT जांच रिपोर्ट आई, तीन अधिकारियों पर कार्रवाई की तैयारी
Meerut के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में हुए एमबीबीएस पेपर घोटाले में एसआइटी की जांच रिपोर्ट सामने आ गई है. इस मामले में तीन अधिकारी दोषी पाए गए हैं.
MBBS Copy Scam in CCSU: मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय (CCSU) में हुए एमबीबीएस कॉपी घोटाले में आखिरकार एसआईटी की जांच पूरी हो गई है. इस जांच में तीन अधिकारी दोषी मिले हैं. अब तीनों के खिलाफ शासन स्तर पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है. एसआईटी की जांच रिपोर्ट आने के बाद चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों में खलबली मची हुई है.
तीन अधिकारी के लापरवाही से हुआ घोटाला
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में तीन अधिकारियों की लापरवाही से एमबीबीएस कॉपी घोटाला हुआ था. इस घटना में शिक्षा माफियाओं के साथ सीसीएसयू के कुछ अधिकारी और कर्मचारी मिलकर सिंडिकेट चला रहे थे. वहीं तीन अधिकारी एसआईटी की जांच में फंस गए. शासन स्तर पर अब तीनों अफसरों पर बड़ा एक्शन होगा.
17 मार्च 2018 को एसटीएफ ने छात्र कविराज और चौधरी चरण सिंह विश्विद्यालय के तीन कर्मचारियों समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया तो ऐसा खुलासा हुआ, जिसने सभी के पैरों के नीचे से जमीन खिसका दी. एसटीएफ ने खुलासा किया कि छात्र नेता कविराज एमबीबीएस की कॉपिया बदलवा रहा था. बाहर से कॉपियां लिखवाई जाती थी और फिर छात्र की पुरानी कॉपी का कवर लेकर बाहर से लिखी कॉपियां पर चिपका दिया जाता था.
इसके लिए गोपनीय विभाग और सीसीएसयू के अधिकारियों का एक सिंडिकेट काम कर रहा था. इस मामले में न जाने कितने छात्रों से मोटी रकम वसूलकर उन्हें अच्छे नंबरों से पास कराया गया. मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई थी. एसआईटी ने 2015 से 2018 तक उत्तर पुस्तिका विभाग में तैनात 31 कर्मचारियों से पूछताछ की. कितने एमबीबीएस छात्र ऐसे पास कराए गए उनका भी डांटा तैयार किया जा रहा है. पूछताछ में कई और बड़े खुलासे भी हुए हैं. आखिरकार जांच रिपोर्ट आ ही गई. इसमें जो तीन अधिकारी लापरवाह और दोषी पाए गए हैं उनमें पूर्व परीक्षा नियंत्रक नारायण प्रसाद, पूर्व उपकुलसचिव वी.पी.कौशल, सहायक कुलसचिव संजीव कुमार शामिल हैं.
पूर्व परीक्षा नियंत्रक हो चुके हैं रिटायर
घोटाले के इस मामले में पूर्व परीक्षा नियंत्रक नारायण प्रसाद रिटायर्ड हो चुके हैं. वी.पी.कौशल आजमगढ़ विश्वविद्यालय में कुलसचिव हैं और संजीव कुमार फिलहाल चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में तैनात हैं. शासन से सीसीएसयू प्रशासन को पत्र भेजकर जवाब मांगा गया है कि तीनों अधिकारियों की तैनाती कहां हैं और विश्वविद्यालय प्रशासन ने रिपोर्ट बनाकर भेज दी है. चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में हुए इस एमबीबीएस कॉपी घोटाला प्रकरण की गूंज लखनऊ तक है. तीन अधिकारियों पर लखनऊ से क्या बड़ा एक्शन होगा.
2018 का है पूरा मामला
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के कुलसचिव धीरेन्द्र कुमार वर्मा ने बताया कि साल 2018 में एमबीबीएस में कॉपी बदलने का प्रकरण हुआ था. जिसमें 2019 में एसआईटी गठित हुई और उसको केस रेफर हुआ. एसआईटी ने विभिन्न स्तरों पर जांच की,विश्वविद्यालय में भी उन्होंने कैंप किया. यहां से जो संबंधित लोग थे, उनका भी बयान दर्ज किया, समय समय पर जो भी उन्होंने अभिलेख मांगे, समयावधि में उनको विश्वविद्यालय द्वारा अभिलेख दिए भी गए.
एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट 30.06.2022 को उत्तर प्रदेश शासन और शिक्षा अनुभाग को प्रेषित कर दी थी. उसी क्रम में उन्होंने ये कहा कि उत्तर प्रदेश शासन से हमें जो पत्र प्राप्त हुआ है, उसमें विश्वविद्यालय से तीनों दोषी अधिकारी कहां कहां तैनात है उनकी सूचना मांगी गई है. विश्वविद्यालय उस सूचना को तैयार करके शीघ्र ही उनको प्रेषित कर रहा है.
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