Meerut News: मेरठ में मानवता और इंसानियत को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है, दो महिलाओं ने क्रूरता की सारी हदें पार कर दी. दोनों महिलाओं ने तीन दिन के पांच पिल्ले, जिनकी आंख भी नहीं खुली थी. पिल्लों की आवाज इन्हें इतनी नगवार गुजरी की अपनी संवेदनाओं को खत्म कर कुत्ते बच्चों को जिंदा जला दिया. ना महिलाओं के हाथ कांपे और ना उनका कलेजा फटा. कहते हैं कि मां का कलेजा ममता से भरा होता है, फिर ये दोनों महिलाएं कैसे हैवान बन गईं. एनिमल केयर सोसाइटी ने पुलिस का दरवाजा खटखटाया है.


मामला मेरठ के कंकरखेड़ा थाना इलाके के खडौली की संत नगर कॉलोनी का है. पांच नवंबर को कॉलोनी की दो महिलाओं ने ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर झाड़ियों में आग लगा दी, पांच पिल्ले भी इसी में थे. पांचों पिल्ले जिंदा जल गए. किसी ने इस मामले की सूचना पुलिस कोदे दी, इसके बाद एनिमल केयर सोसाइटी की टीम भी पहुंच गईं. टीम के सदस्यों ने जले हुए पांचों पिल्लों को दफना दिया. इसके बाद एसएसपी मेरठ विपिन ताडा से मामले की शिकायत की. 


पुलिस ने दोनों महिलाओं के खिलाफ दर्ज किया केस
कंकरखेड़ा थाना पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है. इसके बाद पांचों पिल्लों को जमीन से निकालकर उनका पोस्टमार्टम कराया गया. जो करीब सवा घंटे चला और उसके बाद फिर पिल्लों को दफना दिया गया. दोनों महिलाएं शोभा और आरती आपस में देवरानी और जेठानी बताई जा रही हैं. एसपी सिटी मेरठ आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि दो महिलाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है, ज्वलनशील पदार्थ डालकर झाड़ियों में आग लगाई गई थी, पिल्ले भी जिंदा जल गए.


इस घटना ने इंसान और जानवर के बीच का अंतर खत्म कर दिया है. इंसान में भी जानवर छिपा है ये घटना इस बात की चीख चीख कर गवाही दे रही है. पिल्ले जिस वक्त जिंदा जले उस वक्त उनकी चीख आग की लपटों में स्वाह हो गई, लेकिन एक सवाल जरूर छोड़ गई कि जिन महिलाओं की ममता की दुहाई पूरी दुनिया देती है आखिर उन महिलाओं ने एक मां की कोख क्यों उजाड़ दी.


ये भी पढे़ं: 20 साल पुराने बाल विवाह को हाईकोर्ट ने घोषित किया अमान्य, कहा- एक महीन के भीतर दें 25 लाख रुपये