Meerut News: मेरठ की सड़कों पर सन्नाटा सा पसरा है. गर्मी ने लोगों के कदम रोक दिए हैं. आलम ये है कि मेरठ के जिन चौराहों पर दोपहर में जाम होता था वहां इक्का दुक्का वाहन ही नजर आ रहे हैं. लोग घरों में कैद होने को मजबूर हैं क्योंकि मई की गर्मी सितम ढा रही है और आसमान से आग बरस रही है. कामकाजी लोग घरों से बाहर निकलने के पहले अपने बदन को कपड़ों से पूरी तरह ढ़क कर बाहर निकलते हैं.
मेरठ में बच्चा पार्क चौराहा शहर के बीचो बीच है. यहां दोपहर में ऐसा जाम लगता था कि लोग सिहर उठते थे. वाहन चलने के बजाय रेंगते नजर आते थे. आलम ये हो जाता था कि इस जाम से बचने के लिए लोग दूसरे रास्तों का सहारा लेते थे तो इसकी वजह से दूसरे इलाके भी जाम हो जाते थे. खैरनगर, छतरी वाला पीर, ईवज चौराहा, मेघदूत पुलिया, मेरठ कॉलेज, पीएल शर्मा रोड सहित कई जगह जाम लग जाता था, लेकिन आसमान से बरसती आग ने बच्चा पार्क चौराहे पर ही नहीं तमाम चौराहों पर सन्नाटा ला दिया.
मेरठ में 45 डिग्री पार कर सकता है पारा
मई में ऐसी गर्मी की उम्मीद भी नहीं थी. गर्मी भी ऐसी कि मानो झुलसा देगी. आलम ये है कि पारा पहले 40 को पार कर गया, फिर बढ़ते बढ़ते 44 पहुंच गया और अब 45 डिग्री से चंद कदमों की दूरी पर है, आशंका जताई जा रही है कि पारा फिलहाल के हालातों को देखकर थमता नजर नहीं आ रहा है और यही हाल रहा तो 45 डिग्री को पर कर जाएगा. सोचिए यदि ऐसा हुआ तो क्या हॉग? मेरिट में गर्मी का टॉर्चर और बढ़ जाएगा.
शहर के प्रमुख चौराहों पर आसमान से बरसती आग ने जाम ही नहीं लोगों की आवाजाही भी कम कर दी है. रेड लाइट होने पर जरूर कुछ वाहन नजर आते हैं, लेकिन वो भी न के बराबर. दुकानदार भी परेशान हैं कि ग्राहक ढूंढे नहीं मिल रहे हैं. दोपहर में तो माहौल अजीब सा लगता है. सड़कों पर कुछ लोग पैदल नजर आते हैं तो वो छाते में होते हैं या फिर मुंह और सिर पर कपड़ा ढके हुए. सुबह 11 बजे से शाम 7 बजे तक सड़कें सुनसान नजर आती हैं. दुकानदार जॉनी, राकेश शास्त्री, संदीप का कहना है ना ऐसी गर्मी देखी और न ही चौराहों पर ऐसा सन्नाटा.
हीट वेव से अस्पतालों में बढ़े मरीज, बच्चों में बढ़ी परेशानी
हीट वेव का आलम ये है कि अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ गई है. सबसे ज्यादा बच्चे चपेट में हैं. सरकारी अस्पतालों में तो वार्ड फुल हैं. डायरिया के मरीज ज्यादा हैं. कुछ बच्चे उल्टी से, कुछ बुखार से और कुछ दस्त से पीड़ित हैं. आलम ये है कि अस्पतालों की इमरजेंसी में रात में भी मरीजों के आने का सिलसिला जारी है. बड़े भी गर्मी की चपेट में हैं, इसलिए लोग दोपहर में घर से निकलने में गुरेज कर रहें हैं कि बीमार पड़ने से अच्छा है घर रहें.
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