Meerut News: रेप के मामले में सेना के जवान का नाम हटाने के लिए मांग रहीं थीं पैसे, अब SSP ने लिया ये बड़ा एक्शन
Meerut News: यूपी के मेरठ में एएसपी ने भ्रष्टाचार के आरोप में महिला थानाअध्यक्ष व एक महिला दरोगा को निलंबित कर दिया है.साथ ही उन्होंने रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश भी दिए हैं.
Meerut News: पुलिस विभाग में फैले भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए मेरठ के एसएसपी ने एक बड़ी कार्रवाई की है. एसएसपी मेरठ ने भ्रष्टाचार के आरोप में महिला थानाध्यक्ष व एक महिला दारोगा को निलंबित कर दिया है. साथ ही विभागीय कार्रवाई के साथ-साथ महिला थानाध्यक्ष व दरोगा पर रिपोर्ट दर्ज करने के आदेश भी दिए हैं. बता दें कि यह कार्रवाई एक जवान को रेप के मामले में क्लीन चिट देने के बदले रिश्वत मांगने व सौदेबाजी करने के कारण की गई है.
क्या है पूरा मामला?
एसएसपी मेरठ ने इसकी जांच एसपी देहात को सौंपी थी. जांच रिपोर्ट में आरोप सही पाए जाने के बाद दोनों को निलंबित किया गया है. दरअसल, कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र की रहने वाली महिला ने अपने पति से विवाद के चलते दहेज उत्पीड़न व देवर पर रेप का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया. देवर, सेना में जवान है इसलिए उसने मुकदमे में झूठा फंसाए जाने व पूरे मामले से अपना नाम हटाने की बात कही जिसकी एवज में यह रिश्वत मांगी गई थी. उन्हे जब थाने बुलाया गया तो आरोपितों के साथ उनका एक होमगार्ड रिश्तेदार भी आया.
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महिला दारोगा रेप के मामले में सेना के जवान का नाम निकालने की एवज में पैसों की मांग कर रही थी. होमगार्ड रिश्तेदार ने रिश्वत मांगने की पूरी बात मोबाइल में कैद कर ली और इसका वीडियो और कुछ आडियो एसएसपी प्रभाकर चौधरी को सौंप दिया एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने इस पूरे प्रकरण की जांच एसपी देहात केशव कुमार को सौंप दी गई.
दोनों को किया गया सस्पेंड
एसपी देहात ने अपनी जांच रिपोर्ट एसएसपी को सौंप दी, रिपोर्ट में इंस्पेक्टर महिला थाना मोनिका जिंदल व दरोगा रीतू काजल को अभियुक्त का नाम निकाले जाने के नाम पर पैसों के लेनदेन प्रमाणित होने पर दोनों को निलंबित कर दिया गया. इनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही के साथ ही रिपोर्ट दर्ज कराने के आदेश भी दे दिये गये हैं.
एसपी सिटी विनीत भटनागर ने बताया कि महिला थानाध्यक्ष हैं, एक और महिला उपनिरीक्षक है वो विवेचक है एक प्रकरण की उन दोनों के विरुद्ध आरोप लगाया गया था कि उन्होंने एक व्यक्ति से कुछ मांग की थी. इस पर एसएसपी के आदेशानुसार जांच कराई गई थी. प्रथमदृष्टया उस जांच में आरोपों को प्रमाणित पाए जाने पर थानाध्यक्ष और उप निरीक्षकको निलंबित कर दिया गया है.
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