Meerut News: रिटायर्ड बैंक कर्मी से 1 करोड़ 74 लाख की ठगी का खुलासा, पुलिस की गिरफ्त में चार आरोपी
UP News: रिटायर्ड बैंक कर्मी को डिजिटल अरेस्ट करके एक करोड़ 74 लाख की ठगी करने वाले चार साइबर ठगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. कब्जे से कई एटीएम कार्ड, मोबाइल फोन, पास बुक बरामद हुई.
Cyber Fraud In Meerut: मेरठ में रिटायर्ड बैंक कर्मी को डिजिटल अरेस्ट करके एक करोड़ 74 लाख की ठगी करने वाले चार साइबर ठगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. इनमें तीन आरोपियों की गिरफ्तारी अन्य प्रदेश और एक ठग की गिरफ्तारी मेरठ से हुई है. मेरठ के एसएसपी विपिन ताडा ने इस गिरोह का भंडाफोड किया है.
मेरठ के पांडव नगर इलाके में रहने वाले रिटायर्ड बैंक कर्मी सूरज प्रकाश को डिजिटल अरेस्ट करके एक करोड़ 74 लाख ठग लिए गए. जब तक बजुर्ग को पता चला बहुत देर हो चुकी थी. साइबर सेल में मुकदमा दर्ज किया गया और मेरठ के एसएसपी विपिन ताडा ने महाराष्ट्र, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल के लिए तीन टीमें रवाना की. सर्विलांस टीम की मजबूत पकड़ ने मेरठ पुलिस को साइबर ठगों तक पहुंचा दिया.
पुलिस ने महाराष्ट्र से निलेश बालकृष्ण और थाणे से नावेद एजाज सैयद को गिरफ्तार कर लिया. वहीं दूसरी टीम ने तेलंगाना से नामिजला राजकुमार की गिरफ्तारी की. वहीं मेरठ से कोलकाता के रहने वाले सोम्यासिस पाइन की गिरफ्तारी की गई. जिस मोबाइल नंबर का इस्तेमाल ठगी में किया गया वो सोम्यासिस पाइन के नाम पर है.
किराए पर दे रखा था अकाउंट
मेरठ के एसएसपी विपिन ताडा ने बताया कि महाराष्ट्र से गिरफ्तार नीलेश ने अपनी फर्म का नाम और एकाउंट एक लाख रुपये महीना किराए पर दे रखा था. काम में लॉस होने के बाद उन्होंने ठगी का गिरोह ज्वाइन कर लिया. रिटायर्ड बैंककर्मी सूरज से ठगी करने पर आरोपी नीलेश बालकृष्ण के आईसीआईसीआई बैंक में सूरज ने 90 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए.
कुछ ही देर बाद 49 लाख 90 हजार रुपये नावेद एजास सैयद के खाते में ट्रांसफर कर दिए गए. नावेद एजाज सय्यद ने ठगी के पैसों से क्रिप्टो केरेंसी खरीद ली थी. वहीं सोमायसिस पाइन ने बताया कि उसके मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर साइबर ठगों ने बंधन बैंक के खाते में यूपीआई से 45 लाख रुपये सूरज प्रकाश से ट्रांसफर कराए थे. इसी के साथ ही राजकुमार की पत्नी के पंजाब नेशनल बैंक खाते में सूरज प्रकाश ने आठ लाख 80 हजार रुपये ट्रांसफर कराए थे.
लोगों को फंसाने और ठगी की रकम को बैंक एकाउंट में ट्रांसफर कराने के लिए व्हाटसअप और टेलीग्राम से लोगों को ग्रुप में जोड़ते थे. उनके एकांउट 10 हजार रुपये महीना किराए पर लिए जाने का लालच दिया जाता था और लोग इस जाल में फंस जाते थे. यही से उन लोगों को भी फंसाया जाता था जिन्हें डिजिटल अरेस्ट करके पैसे ठगने होते थे. मेरठ के एसएसपी विपिन ताडा ने बताया कि तेलंगाना के रहने वाले नामाजिला राजकुमार ने अपने और अपनी पत्नी के 12 एकाउंट किसी शख्स के कहने पर खुलवाए थे. इनमें से कई खाते ट्रेडिंग कंपनी को इस्तेमाल के लिए दिए.
एसएसपी बोले- जल्द पकड़ा जाएगा मुख्य आरोपी
मेरठ के एसएसपी विपिन ताडा ने बताया कि रिटायर्ड बैंक कर्मी ने 22 सितंबर को डिजिटल अरेस्ट कर रकम ठगने की शिकायत की थी, जिस पर तीन टीमें बाहर भेजी गई थी. उनका कहना है कि 45 लाख रुपये की रकम फ्रीज करा दी गई है. मुख्य आरोपी भी जल्द पुलिस के हत्थे चढ़ेगा. उन्होंने बताया कि ठगी के मामले में राजकुमार के खिलाफ कई शहरों में मुकदमें दर्ज हैं. इनके कब्जे से कई एटीएम कार्ड, मोबाइल फोन, पास बुक बरामद किए गए हैं.
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