मेरठ की सर्विलांस टीम ने फेसबुक, व्हाटसअप पर दोस्ती करके ब्लैकमेलिंग करने वाले गिरोह का भंडाफोड किया
मेरठ पुलिस ने एक ऐसे गैंग का भंडाफोड़ किया है, जो लोगों को फेसबुक के जरिये ठगता था. यही नहीं, शातिर बदमाश घर बैठे ही पूरे खेल को अंजाम देते थे.
मेरठ: मेरठ में अलग अलग व्यक्तियों द्वारा गोपनीय सूचना दी गयी कि उनके साथ फेसबुक व मैसेंजर पर अज्ञात व्यक्तियों द्वारा दोस्ती करके उनका व्हाटसअप नंबर लेकर उस पर लड़की बनकर चैंटिग व वीडियो कॉल करके झांसे में फंसा कर अश्लील वीडियो व अश्लील चैट बनाकर ब्लैकमेल किया जा रहा था.
इस सूचना पर मेरठ एसएसपी ने सर्विलांस सेल टीम को उक्त गिरोह की गिरफ्तारी व पूरे गैंग के खुलासे के लिये लगाया गया. सर्विलांस सेल टीम द्वारा उक्त गिरोह की गिरफ्तारी के लिये उनके बारे में सूचना एकत्रित की गई. जिसके बाद सर्विलांस सेल टीम ने थाना सिविल लाइन पुलिस के साथ इस गिरोह के तीन सदस्यों को वैशाली बस अड्डे के पास से गिरफ्तार कर लिया.
आपको बता दें कि गिरफ्तार सभी अभियुक्त जिला अलवर से 35 किमी दूर रामगढ थानाक्षेत्र में अरावली पहाडियों के निकट बसे कस्बों में रहते हैं.
इस तरह फंसाते थे शिकार
ये गिरोह फेसबुक, व्हाटसअप, ओएलएक्स के माध्यम से घर बैठे ही देश के सभी राज्यों में लोगों को लड़की की फोटो व वीडियो के द्वारा जाल (हनी ट्रैप) में फसां कर अपने पे-टीएम/यूपीआई आईडी में लाखों रूपये डलवा लेते थे और लगातार उनको वीडियो व फोटो का भय दिखाकर पैसे ऐंठते रहते हैं. ग्राम रामगढ जिला अलवर, राजस्थान का यह गिरोह मुख्य रूप से ऐसे व्यक्तियों को अपना निशाना बनाता है जो किसी धर्म, जाति या व्यवसाय में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं और फेसबुक अकाउन्ट देखने से उक्त व्यक्ति सामाजिक व आर्थिक रूप से सम्पन्न दिखाई देता है.
सबसे पहले ये गिरोह फेसबुक पर उक्त व्यक्तियों से लड़की बनकर और लड़की का प्रोफाइल फोटो लगाकर फेसबुक मैसेन्जर पर दोस्ती करते हैं और चैटिंग करते हुये यह गिरोह उन्हें अपना व्हाटसअप नम्बर देकर और उनका व्हाटसअप नम्बर लेकर आपस में वीडियो काल व चैटिंग करने लगते हैं फिर इस गिरोह के सदस्य उस व्यक्ति से अश्लील चैंटिंग एवं अश्लील व नग्न फोटोग्राफों का आदान प्रदान करने लगते हैं. इस प्रकार विश्वास होने पर रात में यह गिरोह अपने शिकार की नग्न अवस्था में अश्लील वीडियो बना लेते हैं और उसको उसी व्यक्ति के व्हाटसअप पर भेज कर उससे अपने पे-टीएम/यूपीआई अकाउन्ट में पैसे डालने को कहते हैं. पैसा न डालने पर उनके फेसबुक अकाउन्ट में शामिल उनके परिवार के सदस्यों, विशिष्ट व्यक्तियों के फेसबुक अकाउन्ट पर उनकी नग्न विडियों डाल कर उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा को बदनाम करने का भय दिखा कर उनसे निरन्तर अपने अकाउन्ट में लाखों रूपये डलवा लेते हैं.
घर बैठे ही करते थे पूरा खेल
इन गिरोह के लोग धोखधडी व ब्लैकमेलिंग का सम्पूर्ण अपराध केवल अपने मोबाइल से ही घर बैठे करते रहते हैं. सबसे बडी बात ये है कि यह गिरोह राजस्थान से बाहर अपनी वारदातों को अजांम देता है, इसीलिये स्थानीय पुलिस इनके विषय में नहीं जान पाती है. यदि किसी राज्य का कोई शिकायतकर्ता अपने राज्य की पुलिस को अपराध की सूचना देता है या अभियोग पंजीकृत कराता है तो उस राज्य की पुलिस एक बार ही उन्हें तलाश करती है जिनका नाम पता व मोबाइल नम्बर व बैंक अकाउन्ट नम्बर आदि सभी फर्जी पाये जाते हैं.
इसी कारण दूसरे राज्यों की पुलिस दोबारा इनको तलाश नहीं करती, जिसका फायदा उठाकर यह गिरोह निरन्तर वारदातों को अंजाम देता रहता. यह गिरोह तीन प्रकार की टीम बनाकर अपराध को अंजाम देते हैं. जिसमें पहली टीम का काम फेसबुक से ऐसे व्यक्तियों को ढूंढना एवं उनके विषय में जानकारी एकत्र करना जिनको आसानी से शिकार बनाया जा सके.
उसके बाद लड़की की फोटो लगी फेसबुक अकाउन्ट बनाकर ऐसे लोगों कों अपने जाल में फसाया जाता है। दूसरी टीम में वह सदस्य शामिल होते है जो हनी ट्रेप के शिकार व्यक्ति से पैसा डलवाने के लिये फर्जी रूप से पे-टीएम व यूपीआई आईडी/बैंक अकाउन्ट उपलब्ध कराते हैं. तीसरी टीम में इस गिरोह के वह सदस्य शामिल होते हैं जो अपने आस पास के ग्रामों के लोगों के अकाउन्ट और पे-टीएम का समय समय पर इस्तेमाल करते हैं, जिसके बदले में उनको कुछ धनराशि प्रदान करते रहते है.
आठ बैंक खाते
गिरफ्तार अभियुक्त हनीफ इस गिरोह का सक्रिय सदस्य है, जिसने इस प्रकार अपराध में शामिल में होकर लाखों रुपये अर्जित किये हैं. अभियुक्त के आठ बैंक खातों का पता लगा है, जिनमें 80 लाख रुपये का लेन देन होना पाया गया है. अभियुक्त के पास एक ट्रक 16 टायर, एक ट्रक 14 टायर व एक ट्रक 10 टायर होने की भी जानकारी प्राप्त हुई है. जिसके संबंध में विस्तृत जानकारी राजस्थान पुलिस के माध्यम से प्राप्त की जा रही है. इसके अतिरिक्त अभियुक्तों द्वारा जनपद व प्रदेश में किये गये अपराधों के विषय में भी सूचना एकत्र की जा रही है.
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