Meerut News Today: मेरठ पुलिस ने अवैध हथियारों की सप्लाई करने वाले एक शातिर गैंग का पर्दाफाश किया है. यह गैंग हथियारों की सप्लाई करते वक्त अपने साथ कार में महिलाओं को बैठाकर ले जाता था, जिससे पुलिस को शक न हो. 


इस गैंग ने बड़ी संख्या में अवैध हथियारों की सप्लाई करने के लिए यही तरकीब इस्तेमाल की और बहुत हद अपने मंसूबों में कामयाब भी रहे. हालांकि, मुखबिर की सूचना के बाद गैंग पुलिस के हत्थे चढ़ गया और अवैध पिस्टल- तमंचे बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ हो गया.


घर में बनाते थे अवैध हथियार
पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि लिसाड़ी गेट इलाके में अवैध हथियार बनाने की फैक्ट्री चल रही है. इस सूचना के बाद पुलिस लगातार नजर बनाए हुई थी. इसके बाद पुलिस ने लिसाड़ी गेट के अहमदनगर में मोती मस्जिद के पास स्थित साजिद के मकान पर छापेमारी कर गैंग का पर्दाफाश किया.
 
इस जगह पर अवैध रूप से पिस्टल और तमंचे बनाए जा रहे थे. पिस्टल की डिमांड ज्यादा थी और कई बड़े ऑर्डर भी थे. पुलिस ने साजिद की गिरफ्तारी के बाद गैंग के अन्य सदस्यों रिहान, नावेद और कय्यूम को भी गिरफ्तार कर लिया है. यह गैंग वेस्ट यूपी, दिल्ली, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा तक पिस्टल सप्लाई करता था.


इन राज्यों में भी करते थे सप्लाई
मेरठ एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि पकड़े गए बदमाश बेहद शातिर किस्म के हैं. वेस्ट यूपी के कई जिलों में अवैध हथियार सप्लाई करने के साथ- साथ ये गिरोह दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान तक भी हथियारों की सप्लाई करता था.


एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि कई जगह से इन्हें बड़े ऑर्डर भी मिलते थे. सबसे बड़ी बात यह कि जब भी ये गिरोह हथियारों की बड़ी खेप लेकर जाता था तो अपने साथ कार में तीन या चार महिलाएं ले जाता था. 


उन्होंने बताया कि यह गैंग महिलाओं को अपने साथ इसलिए ले जाता था, जिससे किसी को शक न और पुलिस से बचकर आसानी से निकल जाएं. महिलाओं को साथ लेकर जाने की वजह से गैंग को सफलता मिलती रही और इन्होंने कई प्रदेशों में भी नेटवर्क फैला दिया.


फरीदाबाद में भी हो चुका है गिरफ्तार
पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि इससे पहले साजिद और उसके तीन साथियों को फरीदाबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया था और अवैध हथियारों की खेप पकड़ी थी. कय्यूम भी हथियार सप्लाई में जेल जा चुका है. 


रिहान का भाई इमरान भी हथियारों की सप्लाई में जेल जा चुका है. इस गैंग ने मेरठ के बदमाश सादान पकौड़ी, मोहम्मद अली को भी तमंचे सप्लाई किए थे. यह बदमाश गाजियाबाद और मेरठ के माधवपुरम से खैरात की मशीन खरीदकर लाए थे.


चार दिन में बनाते थे पिस्टल
मेरठ एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि एक पिस्टल बनाने में करीब 8 हजार रुपये का खर्चा आता था और 23 हजार में बेच देते थे. उन्होंने बताया कि पिस्टल बनाने में चार दिन लगता था. तमंचा ढाई से तीन हजार रुपये में बेचते थे. 


कई जगह से खरीदते थे सामान
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि यह गैंग लोहे की सिल्ली, पिस्टल और तमंचा बनाने का समान अलग-अलग जगह से लाते थे, जिससे किसी को शक ना हो. इनका साथी इरशाद और परवेज फरार हैं, उनकी गिरफ्तारी के लिए टीम लगा दी गई है.


मेरठ एसपी सिटी ने खुलासा किया कि इनके कब्जे से 2 तमंचे, 6 अर्धनिर्मित तमंचे, 14 तमंचों की स्लाइड, 12 पिस्टल स्लाइड मिली है. जिन लोगों को अवैध असलहा सप्लाई किया, जांच में उन लोगों के नाम भी सामने आए हैं.


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