मेरठ में करोड़ों रुपये के स्टांप घोटाले से हड़कंप, अधिकारियों की मिलीभगत से हुआ खेल
Meerut Stamp Scam: बीते साल रजिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट में दो संदिग्ध स्टांप मिले थे. जांच हुई तो वो फर्जी पाए गए. इस मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया, मामले की जांच की गई करोड़ों का घोटाला सामने आया है.
Meerut Stamp Scam: उत्तर प्रदेश के मेरठ में करोड़ों रुपए के स्टांप घोटाले के मामला सामने आया है. घोटाले में अब तक 997 मुकदमे दर्ज किए जा चुके है. जिनको रजिस्ट्री विभाग द्वारा नोटिस भेजा जा चुका है. इन सभी मामलों में लोगों ने स्टांप अधिवक्ता विशाल वर्मा से लिए है जो इस पूरे घोटाले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है लेकिन विशाल और रजिस्ट्री विभाग के साजिशकर्ता अफसरों को बचाने की कोशिश की जा रही है.
इस मामले में जहां रजिस्ट्री विभाग स्टांप लेने वाले लोगों पर कार्रवाई कर रिकवरी करने में जुटा है तो वहीं इन लोगों का कहना है कि वो तो खुद धोखे का शिकार हुए हैं. हमने एक अधिवक्ता पर विश्वास करके स्टांप खरीदें और उसे रजिस्ट्री विभाग के अफसर ने उस समय मंजूर भी कर लिया. लेकिन, अब जांच हुई तो सभी स्टांप गलत पाए गए. इस मामले में ना तो अधिवक्ता विशाल वर्मा पर कार्रवाई हो रही है और न ही विभाग अपने अधिकारियों की जांच कर रहा है.
मेरठ में करोड़ों का स्टांप घोटाला
इस मामले में पीड़ितों ने आरोपी अधिवक्ता विशाल वर्मा पर भी मुकदमा दर्ज कर दिया है, एक शिकायतकर्ता खेल उत्पादों की कारोबारी ओम कुमारी ने बताया कि उन्होंने बीते कुछ सालों में अपनी प्रॉपर्टी बेचने और खरीदने के दस्तावेज रजिस्टर्ड कराएं थे. पड़ोस में रहने वाले वकील विशाल वर्मा को उन्होंने एकमुश्त लाखों रुपया दिया. इसके बाद रजिस्ट्रियां हो गई. मई-2024 में उनके पास रजिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट से स्टांप चोरी का एक नोटिस आया. पता किया तो मालूम चला कि उनकी एक रजिस्ट्री में एक लाख का स्टांप फर्जी लगा हुआ है.
बताया जा रहा है कि वकील विशाल वर्मा बीते एक दशक में हजारों रजिस्ट्री में फर्जी स्टांप का इस्तेमाल करके अकूत संपत्ति कमाई है. बीते साल रजिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट में दो संदिग्ध स्टांप मिले थे. जांच हुई तो वो फर्जी पाए गए. इस मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया और बीते 3 साल की रजिस्ट्री में लगे स्टांप का वेरिफिकेशन हुआ. पता चला कि इस तरह की 997 रजिस्ट्रियां की गई है जो सभी विशाल वर्मा ने कराई हैं.
आरोपी ने सभी स्टांप खरीदारों के नाम से खरीदे थे इसलिए रजिस्ट्रेशन विभाग ने 997 खरीदारों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज कराए हैं. इतने ही मुकदमे एआईजी स्टांप के कोर्ट में स्टांप चोरी के दायर किए गए हैं. AIG के यहां दर्ज मामलों में अब धीरे-धीरे स्टांप की रिकवरी की जा रही है. जिसका भुगतान खरीददारों को ही उठाना पड़ रहा है. मुकदमे दर्ज होने के बाद आरोपी फरार हो गया है. पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है.