मेरठ: मानव अंग तस्करी का डर दिखाकर किया 'डिजिटल अरेस्ट,' रिटायर्ड कर्मचारी से 15 लाख की ठगी
Meerut Cyber Crime: मेरठ से साइबर ठगी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक रिटायर्ड सीडीए कर्मचारी से लाखों की ठगी का मामला सामने आया है. इस मामले में पुलिस ने FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
Meerut News Today: मेरठ में साइबर अपराधियों ने एक रिटायर्ड सीडीए कर्मचारी को 5 दिन तक उनके घर में डिजिटल अरेस्ट रखा. कॉल करने वाले ने बुजुर्ग को बच्चों के मानव अंगों की तस्करी के मामले में आरोपी बताया. इससे डरकर उन्होंने 15 लाख रुपये साइबर अपराधियों के बताए गए खाते में ट्रांसफर कर दिया.
जब तक पीड़ित को ठगी का एहसास होता तब तक काफी देर हो चुकी थी. इसके बाद रिटायर्ड सीडीए कर्मचारी ने साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है.
17 बच्चों के अपहरण का आरोप
मेरठ के थाना नौचंदी क्षेत्र में रहने वाले साइबर ठगी के शिकार सुकुमाल चंद जैन सीडीए से रिटायर हैं. 8 नवंबर को उनके मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आई. कॉल करने वाले ने अपने आप को साइबर क्राइम अधिकारी दीपक यादव बताया और कहा कि आपके खिलाफ एक गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है.
कॉल करने वाले ने बताया कि आप मानव अंगों की तस्करी करने वाले एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह से जुड़े हुए हैं, जिसने 17 बच्चों का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी है. साइबर ठग ने बताया कि बच्चों के अंगों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में करोड़ों रुपये में बेचा गया है.
धमकी से डरकर दिए 15 लाख
साइबर ठग ने बताया कि बच्चों के परिवारों से शव को सौंपने के लिए 68 लाख रुपये भी वसूले गए और यह राशि आपके एचडीएफसी बैंक खाते में जमा कराई गई है. कॉल करने वाले ने सुकुमाल चंद जैन को उनका आधार कार्ड भी वीडियो कॉल पर दिखाया. यह सुनकर सुकुमाल चंद जैन डर गए और वे समझ नहीं पाए कि क्या करें?
कॉल करने वाले ने उन्हें बार-बार डरा धमका कर कहा कि अगर 15 लाख रुपये आरटीजीएस के माध्यम से उनके खाते में ट्रांसफर कर दिए जाएं, तो वे उन्हें इस स्थिति से निकालने में मदद करेंगे. इसके बाद 12 नवंबर तक साइबर अपराधी उन्हें लगातार धमकाते रहे, जिसकी वजह से उन्होंने डरकर साइबर ठगों के बताए गए खाते में 15 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए.
पुलिस ने शुरू की जांच
पांचवें दिन जब सुकुमाल चंद जैन को ठगे जाने का ऐहसासा हुए तो उन्होंने अपनी पत्नी को इसके बारे में बताया. फिर उन्होंने अपने बेटे को पूरी घटना बताई, जिसने ऑनलाइन साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई.
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट के जरिए 15 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है. उन्होंने बताया कि शिकायत मिलने के बाद पूरे मामले की जांच की जा रही है.
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