UP Politics: बीजेपी के फायर ब्रांड नेता संगीत सोम के एक बयान ने पश्चिमी यूपी में सियासी तापमान बढ़ा दिया है. उनका कहना है कि आरएलडी से गठबंधन का बीजेपी को फायदा नहीं हुआ, क्योंकि जो सीट जीत रहे थे वो भी हम हार गए. इससे कहीं न कहीं आरएलडी और बीजेपी के नेताओं में तल्खी बढ़ सकती है. संगीत सोम ने अपने कैंट आवास पर संजीव बालियान के आरोपों को लेकर प्रेस कांफ्रेंस बुलाई थी. उनसे पूछा गया कि आरएलडी और बीजेपी के गठबंधन का कितना फायदा और कितना नुकसान हुआ तो बोले, मुझे नहीं लगता कोई फायदा हुआ है क्योंकि जो सीट हम जीत भी रहे थे उन्हें भी हार गए. कहीं न कहीं आरएलडी से गठबंधन की वजह से बीजेपी को फायदा कम नुकसान ज्यादा हुआ है.


एनडीए के साथी जयंत चौधरी को मोदी मंत्रीमंडल में जगह मिली है. उन्हें राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया है. ऐसे में संगीत सोम का ये बयान कि आरएलडी के साथ आने से बीजेपी को फायदा नहीं हुआ कुछ बड़ी कहानी की तरफ इशारा कर राज है. जयंत के मंत्री बनने के बाद संगीत सोम के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं. सियासी तपिश और बढ़ गई. हालांकि ये चर्चा चुनावों में सवाल जरूर खड़े करती रही कि आखिर आरएलडी के आने से बीजेपी को ज्यादा फायदा होगा या नुकसान. कुछ लोग सीधा कह रहे थे कि नुकसान ही होगा बीजेपी को जबकि आरएलडी को फायदा. ऐसा हुआ भी कि आरएलडी बागपत और बिजनौर सीट जीत गई, जबकि बीजेपी के कद्दावर नेता संजीव बालियान मुजफ्फरनगर से हार गए.


मुजफ्फरनगर सीट बिना गठबंधन के जीती थी बीजेपी
मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट बीजेपी 2014 और 2019 में जीती थी. दोनों बार ही बीजेपी का किसी से गठबंधन नहीं था. दोनों बार डॉक्टर संजीव बालियान चुनाव जीते थे और मंत्री भी बने थे. 2019 के चुनाव में बीजेपी और संजीव बालियान ने अपने दम पर आरएलडी के कद्दावर नेता रहे चौधरी अजीत सिंह को भी चुनाव हारा दिया था. इस हार की गूंज पूरे देश में सुनाई दी थी और संजीव बालियान का कद और भी बढ़ गया था.


संगीत सोम ने एक तरीके से संजीव बालियान की हार के लिए आरएलडी को भी जिम्मेदार ठहरा दिया है. उनका ये कहना कि चूंकि जो सीट हम जीत रहे थे वो भी आरएलडी से गठबंधन के बाद हार गए ये बात बहुत बड़ी कहानी बयां कर रही है. सबसे बड़ी बात ये है कि आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी लोकसभा चुनाव में कई बार मुजफ्फरनगर आए और संजीव बालियान के लिए प्रचार किया लेकिन फिर भी बालियान नहीं जीत पाए और इसको लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं कि क्या सिर्फ दल मिले हैं दिल नहीं.


बालियान के जवाब पर संगीत सोम ने किया पलटवार
पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने अपनी हार का ठीकरा संगीत सोम पर फोड़ा था, कहा था कि सपा को संगीत सोम ने खुलकर समर्थन दिया, हालांकि बालियान ने संगीत सोम का नाम नहीं लिया. इसके जवाब में संगीत सोम ने प्रेस कान्फ्रेस बुलाई और कहा कि बुढ़ाना और चरथावल बालियान का घर है फिर वहां क्यों हारे, मुझे सरधना विधानसभा की जिम्मेदारी दी गई और मैंने सरधना नहीं हारने दी. हार का ठीकरा किसी पर फोड़ना ठीक नहीं, कोई बात थी तो पार्टी फोरम पर करनी चाहिए थी.


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