मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ में 19 अक्टूबर से स्कूल खुल रहे हैं लेकिन अभिभावक अभी भी ये विश्वास नहीं कर पा रहे हैं कि उनके बच्चे स्कूल में सुरक्षित रहेंगे. स्कूल प्रबंधन का दावा है कि वो सरकार की तरफ से जारी की गई सभी गाइडलाइन का शत-प्रतिशत पालन कर रहे हैं और पूरी सुरक्षा व्यवस्था के साथ स्कूल खोल रहे हैं. स्कूल प्रबंधन ने एबीपी गंगा से साफ कहा है कि लगभग 40 प्रतिशत अभिभावक उन्हें बच्चों को स्कूल भेजने के लिए सहमति पत्र सौंप चुके हैं.
निजी स्कूल पहुंची एबीपी गंगा की टीम
स्कूल खोलने से पहले स्कूलों में किस तरह की तैयारी की गई है ये जानने के लिए एबीपी गंगा की टीम एक निजी स्कूल पहुंची. टीम ने ग्राउंड जीरो पर जाकर पड़ताल कर ये जानने की कोशिश की है कि आखिर स्कूल मैनेजमेंट स्कूल खोलने को लेकर कितना तैयार है.
गाइडलाइन का किया जा रहा है पालन
मेरठ के एक निजी स्कूल में टीम पहुंची तो देखा कि यहां पर सरकार और प्रशासन की तरफ से जारी सभी गाइडलाइन का शत-प्रतिशत पालन किया जा रहा है. स्कूल मैनेजमेंट का दावा है कि जो बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं उनके लिए भी स्कूल मैनेजमेंट ने ऑनलाइन क्लास की तैयारी कर रखी है. इसलिए उन अभिभावकों को भी चिंता करने की जरूरत नहीं है, जिन्होंने स्कूल प्रबंधन को सहमति पत्र नहीं दिया है.
जांच प्रक्रिया से गुजरना होगा
बस ड्राइवर और कंडक्टर से लेकर स्कूल टीचर तक सभी जांच प्रक्रिया से गुजरने के बाद ही स्कूल में दाखिल होंगे. साथ ही जो बस बच्चों को लेने जाएगी उसमें भी थर्मल स्क्रीनिंग और सैनिटाइजर की पूरी व्यवस्था होगी.
स्कूल मैनेजमेंट ने अभिभावकों से की अपील
एबीपी गंगा की टीम ने स्कूल मैनेजमेंट से ये भी जानने की कोशिश की कि जो टीचर बच्चों को पढ़ाएंगे क्या उनका भी कोरोना टेस्ट कराया जाएगा. इसे लेकर स्कूल मैनेजमेंट ने साफ कहा कि सभी टीचरों की थर्मल स्क्रीनिंग होगी और हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना अनिवार्य होगा. इसके बाद जरा सी भी आशंका हुई तो कोरोना टेस्ट कराया जाएगा और साथ ही उन्हें तब तक स्कूल नहीं आने दिया जाएगा जब तक वो पूर्ण रुप से स्वस्थ न हो जाएं. स्कूल मैनेजमेंट ने अभिभावकों से अपील की है कि वो पहले स्कूल की तैयारी और सुरक्षा व्यवस्था देख लें उसके बाद उन पर विश्वास करें.
यह भी पढ़ें: