मेरठ: अर्जुन पुरस्कार के लिए नाम न आने पर शूटर के परिजनों ने लगाया भेदभाव का आरोप, जानें- क्या कहा
अर्जुन पुरस्कार के लिए नाम न आने पर मेरठ के रहने वाले शूटर शहजर रिजवी के परिजनो ने भेदभाव, राजनीति और सांठ-गांठ का आरोप लगाया है.
मेरठ, बलराम पांडेय: अर्जुन पुरस्कार पाने वाले खिलाड़ियों की सूची जारी होने के बाद मेरठ के रहने वाले इंटरनेशनल शूटर शहजर रिजवी के परिजनो ने लिस्ट में नाम न आने पर नाराजगी जताते हुए भेदभाव, राजनीति और सांठ-गांठ का आरोप लगाया है. सहजर के भाई तालिब रिजवी ने बुधवार को प्रेस वार्ता कर मीडिया से कहा कि पिछले तीन सालों (2017,2018,2019 ) से निराशा ही मिल रही है.
तालिब का आरोप है कि ऊपर से नीचे तक खेल जगत में सांठ-गांठ की राजनीति है और ये पुरस्कार भी राजनीतिक सांठ-गांठ से ही दिए जा रहे है. उनका कहना है कि शहजर को पिछले साल ही अर्जुन पुरस्कार मिलना चाहिए था लेकिन नहीं मिला और इस साल भी निराशा ही मिली है. इस बात से पूरे परिवार में हताशा का माहौल है.
तालिब ने कहा कि शहजर भी इससे निराश है. इन सब से खिलाड़ी का मनोबल भी कम होता है लेकिन हम अपने हक की लड़ाई लड़ेंगे. शहजर के परिजनों का कहना है कि शूटिंग में नाम रोशन करने के लिए शहजर ने विश्व रिकॉर्ड बनाए हैं. वो विश्व के श्रेष्ठतम शूटरों में से एक हैं, लेकिन अब उसे भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है.
शहजर के भाई तालिब ने कहा कि इस प्रकार की निरंतर उदासीनता से खिलाड़ी का मनोबल गिरता है, यही वजह है कि हम इस अनदेखी खिलाफ आवाज उठा रहे हैं और इस लड़ाई को वो जारी रखेंगे.
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