Meerut Police: मेरठ में लाखों की अवैध वसूली और दो युवकों को अवैध तरीके से हिरासत में रखने के मामले में वसूलीबाज दारोगा समेत तीन पुलिसवाले नप गए हैं. तीनों को एसएसपी ने निलंबित कर दिया है और उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करा दिया गया है. एसएसपी मेरठ डा. विपिन ताड़ा की इस कार्रवाई से पुलिस महकमे में हड़कंप मचा है. ये मामला दुबई से सोना तस्करी से जुड़ा है. यहीं से दारोगा ने दो साथियों के साथ मिलकर वसूली का प्लान बनाया था. 


मामला मेरठ के लिसाड़ी गेट थाना इलाके का है. जहां अहमद नगर इलाके में रहने वाला सलमान पर दुबई से सोने की तस्करी करता था. एयरपोर्ट पर सोने की डिलीवरी लेने के लिए उसने अहमदनगर के ही रहने वाले समीर को भेजा था. समीर 20 लाख का सोना लेकर चंपत हो गया. इसके बाद सलमान ने अपना सोना लेने के लिए समीर के परिवार पर दबाव बनाया. जिसके बाद पंचायत हुई. 


पंचायत में तय हुआ कि समीर का भाई शाहिद नौ लाख रुपये देगा. जिसके बाद उसने तीन लाख रुपये सलमान को दे भी दिए गए और छह लाख किश्तों में देने की बात हुई. बस यही बात लिसाड़ी गेट थाना इलाके के दारोगा महेंद्र, हेड कांस्टेबल विकास और कॉन्टेबल ओमवीर को पता चल गई और फिर यहां से वसूली का खेल शुरू हो गया. 


ऐसे शुरू हुआ वसूली का खेल
मामला लाखों रुपये से जुड़ा था और दुबई से तस्करी का भी था. जिसके बाद लिसाड़ी गेट थाने में तैनात दारोगा महेन्द्र, हेड कांस्टेबल विकास और कांस्टेबल ओमवीर ने वसूली का प्लान बना लिया. पुलिस ने सबसे पहले समीर के भाई शाहिद पर जुल्म करने शुरू कर दिए. इसके बाद उसे दो लाख की वसूली करके छोड़ दिया. इसके बाद पुलिस ने सोने की तस्करी करने वाले सलमान को घर से उठा लिया और उसे भी टॉर्चर रूम में रखा गया. 


पुलिस ने यहां सलमान को यातनाएं दी और उसे खूब पीटा. इसके बाद पुलिस ने सलमान की शाहिद से बात कराई और कहा कि वो अब उससे छह लाख रुपये नहीं लेगा. आरोप है कि पुलिस ने सलमान से लाखों रुपये भी हड़प लिए. जिसके बाद सलमान ने इस अवैध हिरासत, वसूली और थर्ड डिग्री की शिकायत पुलिस अधिकारियों से की. 


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जांच में सामने आया टॉर्चर रूम
जांच के दौरान पता चला कि थाने की ऊपरी मंजिल पर ही वसूली का खेल चलता था, जहां वो अवैध रूप से लोगों को हिरासत में रखकर वसूली करते थे, इसके बाद उन्हें छोड़ दिया जाता था. पुलिस का एक बाहरी शख्स भी यहां रहता था जो पुलिस का मुखबिर बताया जा रहा है. जो पुलिस को इसकी जानकारी देता था. इस बात की भी जांच की जा रही है पुलिस ने ऐसे कितने लोगों से वसूली की. 


इस मामले में मेरठ के एसएसपी डा. विपिन ताड़ा ने एसपी सिटी मेरठ आयुष विक्रम सिंह को जांच अधिकारी बनाया और जांच में तस्वीर साफ हो गई. इसके बाद एसएसपी मेरठ डा. विपिन ताडा ने लिसाड़ी गेट थाने के दारोगा महेन्द्र सिंह, हेडकांस्टेबल विकास और कांस्टेबल ओमवीर को निलंबित कर दिया और इस मामले में केस दर्ज कर लिया गया है. इस मामले में सख्त कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं.