Uttar Pradesh News: यूपी में मेरठ के सुभारती यूनिवर्सिटी (Subharti University) कैंपस में सुभारती मेडिकल कॉलेज (Subharti Medical College) के बीडीएस सेकेंड ईयर की छात्रा के सुसाइड की गूंज लखनऊ तक पहुंच गई है. मामले की गंभीरता को समझते हुए उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष (UP Minorities Commission chairman) अशफाक सैफी खुद सुभारती मेडिकल कॉलेज पहुंचे और घटनास्थल का निरीक्षण किया. इस दौरान वहां तमाम लापरवाहियों से उनका सामना हुआ जिसपर उन्होंने गहरी नाराजगी जताई. इससे सुभारती यूनिवर्सिटी प्रशासन के हड़कंप मचा है.


मचा हड़कंप
अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) से एसआईटी जांच की सिफारिश कर दी है. जैसे ही यूपी अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष अशफाक सैफी सुभारती मेडिकल कॉलेज पहुंचे तो विश्वविद्यालय प्रशासन के अधिकारियों को पसीना आ गया. अध्यक्ष सैफी ने पूछा की चौथी मंजिल पर छात्रा कैसे पहुंची, ताला क्यों नहीं लगा था, आरोपी को पकड़ा तो फिर बाउंसर ने क्यों छोड़ा, इस पर सुभारती मेडिकल कॉलेज प्रशासन चुप्पी साधे रहा. अध्यक्ष ने इसे सुभारती मेडिकल कॉलेज प्रशासन की बड़ी लापरवाही बताया और चौथी मंजिल को अवैध बताते हुए उसकी जांच की बात कही.


पूछा ये सवाल
अध्यक्ष सैफी ने कहा कि उसका नक्शा ही नहीं है. साथ ही उन्होंने मेरठ पुलिस को भी कटघरे में खड़ा किया और कहा कि पुलिस लीपापोती करके आरोपियों को बचा रही है. छात्रा वानिया शेख सुसाइड मामले में अल्पसंख्यक आयोग को सुभारती चौकी प्रभारी सोहन्वीर ने त्रुटिपूर्ण रिपोर्ट क्यों भेजी इस पर भी सवाल खड़ा किया. उन्होंने कहा कि, एफआईआर की कॉपी, फॉरेंसिक जांच की रिपोर्ट, परिजनों का शिकायती पत्र, गवाहों का जिक्र क्यों नहीं किया... एसएसपी के लिखित आदेश के बावजूद सुभारती चौकी प्रभारी सोहन्वीर लखनऊ में आयोग के सामने पेश नहीं हुए बल्कि एक दरोगा को भेज दिया, जो पुलिस की मंशा पर सवाल खड़े कर रहा है.


SIT जांच की सिफारिश
बेहद नाराज अल्पसंख्यक आयोग अध्यक्ष अशफाक सैफी ने कहा कि यह योगी राज है, अब कोई कितना भी रसूखदार क्यों न हो बख्शा नहीं जाएगा और पीड़ित परिवार को इंसाफ मिलेगा...इसीलिए एसआईटी जांच की सिफारिश इस मामले के की गई है. बता दें कि 19 अक्टूबर को बीडीएस सेकेंड ईयर की छात्रा ने सुभारती मेडिकल कॉलेज की लाइब्रेरी की चौथी मंजिल से छलांग लगा दी थी और तीसरे दिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. पुलिस ने इस मामले में सहपाठी सिद्धांत पंवार को गिरफ्तार कर जेल भेजा था और ये खुलासा किया था की सिद्धांत के थप्पड़ मारने से आहत होकर छात्रा ने सुसाइड किया था.  


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