उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की मेरठ (Meerut) पुलिस इन दिनों एक ऐसे गैंग पर कार्रवाई करने में जुटी है जो ऐसे लोगों को अपना शिकार बनाता है जिनके पास लाखो-करोड़ों की प्रॉपर्टी होती है. मेरठ पुलिस ने अभी एक ऐसे ही मामले का खुलासा करते हुए मुकदमा दर्ज कराया है जिसने करोड़ों की प्रॉपर्टी के लिए पुलिस के साथ गठजोड़ करके फर्जी मुकदमे की साजिश रच डाली. गैंगस्टर के इशारे पर एक व्यक्ति ने खुद पर ही हमला कराकर दूसरे पक्ष को गिरफ्तार करा दिया और फर्जी मुकदमे में आरोपियों को जेल भिजवाकर उनकी करोड़ों की जमीन पर कब्जा कर लिया.
अपराधियों के साथ गठजोड़ की खुली पोल
मेरठ पुलिस के पास इस तरह की शिकायत का मामला लगभग 6 महीने पहले आया था जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में गहराई से जांच करनी शुरू की. जांच के बाद यह खुलासा मेरठ पुलिस ने किया है. पुलिस ने इस मामले में अब अपने ही एक इंस्पेक्टर और एक दरोगा पर मिसकंडक्ट की कार्रवाई की है. साथ ही मुख्य आरोपी गैंगस्टर यशपाल तोमर को प्रदेश स्तर का भू माफिया चिन्हित कराकर उत्तराखंड और मेरठ पुलिस की साझा कार्रवाई में करीब 153 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ली गई है. पुलिस में भ्रष्टाचार और अपराधियों के साथ गठजोड़ की पूरी पोल खोल दी है.
क्या था मामला
9 नवंबर 2020 को मेरठ के बिजली बंबा बाईपास पर दिल्ली के कारोबारी गिरधरलाल चावला और उनके चालक को स्कूटी सवार हमलावरों ने गोली मार दी थी. गिरधारी लाल के बेटे की तरफ से प्रॉपर्टी विवाद में अपने ही चाचा और अन्य पर हमले का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया गया. जिसमें आधा दर्जन लोगों को नामजद कराया गया. इस मामले में पुलिस ने चार्जशीट लगा दी और आरोपियों को जेल भेज दिया .
फर्जी मुकदमे कराने वालों का गैंग
इसके बाद सितंबर 2021 में प्रतिवादियों ने एसएसपी मेरठ से पूरे मामले में शिकायत की. तत्कालीन आरोपियों की मानें तो पुलिस और गैंगस्टर ने मिलकर फर्जी ढंग से उन्हें जेल भिजवा दिया. पुलिस अधिकारियों ने जब इस मामले में छानबीन की तो मामला करोड़ों की विवादित जमीन पर कब्जे का सामने आया. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक यशपाल तोमर फर्जी मुकदमे कराने वालों का गैंग चलाता है. जिसमें कई शूटर भी शामिल हैं. इस गिरोह द्वारा जमीन कब्जाने के लिए फर्जी मुकदमे लगवाना, हमला करवाना और हनी ट्रैप में फंसाने जैसे काम किए जाते हैं.
यूपी-उत्तराखंड तक फैला है नेटवर्क
पूर्व में भी कई जमीन इसी तर्ज पर कब्जाई जा चुकी हैं. इस गैंग का नेटवर्क पश्चिम उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि उत्तराखंड में भी फैला है. उत्तराखंड पुलिस पिछले काफी समय से यशपाल तोमर के अलग-अलग मामलों में छानबीन कर रही थी. जिसके बाद मेरठ पुलिस से संपर्क साधा गया और अब उत्तराखंड और मेरठ पुलिस ने मिलकर यशपाल तोमर के करीब 153 करोड़ की प्रॉपर्टी जब्त कर ली.
पुलिसकर्मियों की भी मुश्किलें बढ़ीं
मामला यहीं खत्म नहीं होता. तत्कालीन इंस्पेक्टर ब्रह्मपुरी की भी गैंगस्टर के साथ गठजोड़ की कहानी सामने आ गई. इंस्पेक्टर ब्रह्मपुरी सुभाष अत्री और दरोगा लोकेश की गैंगस्टर के साथ मिलीभगत का मामला प्रकाश में आते ही एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने इन दोनों पर विभागीय कार्रवाई की है. अब इस मामले में दोबारा मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. इसके बाद आरोपी पुलिसकर्मियों की मुश्किलें और भी ज्यादा बढ़ जाएंगी. वहीं गैंगस्टर यशपाल तोमर पर भी जल्द ही बुलडोजर की कार्रवाई की जा सकती है.
बड़े खुलासे होंगे
पुलिस अधिकारियों की मानें तो अब यशपाल तोमर को प्रदेश स्तर का भूमाफिया चिन्हित कर दिया गया है. इसके अलावा उसकी बागपत और गाजियाबाद की करोड़ों की संपत्ति भी सील की जा रही है. जो लोग अन्य विभागों के भी अपराधों के गठजोड़ में शामिल हैं उनकी भी जांच की जा रही है. इस पूरे मामले में जल्द ही और बड़े खुलासे हो सकते हैं.
एसएसपी ने क्या बताया
मेरठ के एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया, यहां एक रैकेट था, यशपाल तोमर नाम का व्यक्ति था जो अलग अलग राज्यों में भी मुकदमे लिखवाकर किसी पार्टी को खड़ा कर देता था, कई बार महिलाओं को खड़ा करके किसी पर भी रेप के मुकदमे लिखवा दिए और संबंधित व्यक्ति की प्रॉपर्टी को बहुत सस्ते में अपने नाम करवा दिया. ये पूरा एक रैकेट चला रहे थे. 307 के भी मुकदमे लिखवा दिए गए और जिसको आरोपी बनाया गया उसकी प्रॉपर्टी अपने नाम करवा ली गई.
153 करोड़ की प्रॉपर्टी जब्त
एसएसपी ने आगे बताया, हमारे यहां का भी एक मामला था जिसमें जांच कराकर ये सारे तथ्य सामने आए. उत्तराखंड पुलिस ने विशेष रूप से एसटीएफ उत्तराखंड ने छानबीन की जिसमें हम लोगों ने पूरा सहयोग किया. गैंगस्टर एक्ट के तहत उत्तराखंड पुलिस ने 153 करोड़ की सारी प्रॉपर्टी जब्त की है. अभी और भी प्रॉपर्टी बची हुई है. हरिद्वार पुलिस के माध्यम से उसकी पहचान करवाई जा रही है. यहां से भी कार्रवाई की जाएगी.