Meerut News: पश्चिमी यूपी के व्यापारियों ने अपनी मांगों को लेकर हुंकार भर दी है. 20 जिलों के व्यापारी मेरठ के जुटे और सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की.व्यापारियों ने ऐलान कर दिया है कि उनकी मांग पूरी ना हुई तो सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन होगा और व्यापारी सड़कों पर उतरेगा. अब बहुत हो चुका है अब लड़ाई आर-पार की लड़नी पड़ेगी.


पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयुक्त व्यापार मंडल ने मेरठ में व्यापारी महासम्मेलन बुलाया था,जिसमें 15 जिलों से व्यापारी पहुंचे थे. मेरठ के शर्मा स्मारक में हुए इस महासम्मेलन में बड़ी संख्या में पहुंचे व्यापारियों ने एक सुर में आवाज बुलंद की.एक के बाद एक वक्ता आते रहे और व्यापारियों की समस्याओं और उनकी परेशानियों पर अपनी बात रखते रहे. व्यापारियों में इस बात को लेकर काफी गुस्सा था कि उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है और सरकार व्यापारियों के हित में एक से बढ़कर एक दावे कर रही है.


हाईकोर्ट बेंच का भी मुद्दा उठा
पश्चिमी यूपी के हाईकोर्ट बेंच की मांग काफी पुरानी है.मेरठ के व्यापारी महासम्मेलन में भी इस मांग को व्यापारियों ने प्रमुखता से उठाया.कहा कि पश्चिमी यूपी में हाईकोर्ट बेंच बेहद जरूरी है और ये वक्त की मांग भी है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयुक्त व्यापार मंडल अधिवक्ताओं के साथ खड़ा है.इसी के साथ ही व्यापारियों को 50 लाख रुपए तक का कर्ज बिना बैंक गारंटी के सब्सिडी के आधार पर देने और व्यापारिक सुरक्षा प्रकोष्ठ को और प्रभावी बनाने,जीएसटी काउंसिल में भी व्यापारी प्रतिनिधि शामिल करने की मांग प्रमुखता से रखी गई.


15 नवंबर को पीएम और सीएम को सौंपेंगे ज्ञापन
पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयुक्त व्यापार मंडल 15 नवंबर को पश्चिमी यूपी के तमाम जिलों में डीएम के माध्यम से पीएम और सीएम को ज्ञापन प्रेषित करेंगे. मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित आशु शर्मा ने कहा कि बहुत हो चुका व्यापारियों का उत्पीड़न. अब पानी सिर से ऊपर आ गया है, अभी तो हम शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन यदि व्यापारियों को उनका हक नहीं मिला और मांग पूरी न हुई तो फिर सड़क से संसद तक आंदोलन होगा.


15 मांगों पर मंथन और चिंतन हुआ
पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयुक्त व्यापार मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित आशु शर्मा ने इस व्यापारी महासम्मेलन को बुलाया था.इसमें 15 मांगों पर मंथन और चिंतन हुआ.उत्तर प्रदेश में व्यापारी आयोग के गठन की मांग सबसे प्रमुखता से उठी.किसानों की तर्ज पर छोटे व्यापारियों का पांच लाख तक का सरकारी कर्ज माफ करने, व्यापारी प्रोटेक्शन एक्ट बनाने, बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर नकेल कसने और ऑनलाइन व्यापार पूर्ण रूप से प्रतिबंधित करने की भी मांग रखी गई. 


इसी के साथ जीएसटी की समस्याओं के समाधान के लिए एकल खिड़की व्यवस्था लागू करने के साथ जीएसटी का एक ही स्लैब बनाने,उत्तर प्रदेश के प्रत्येक थाने में महिला हेल्प डेस्क की तर्ज पर व्यापारी हेल्प डेस्क का निर्माण करने,शिक्षक तथा स्नातकों की तर्ज पर जीएसटी पंजीकृत व्यापारियों को भी विधान परिषद सदस्य चुने जाने की मांग उठाई गई.


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