राम मंदिर पर चंदा जुटाने की प्रक्रिया तय करने के लिए 10 और 11 नवम्बर को नई दिल्ली में होगी साधू -संतों की अहम बैठक
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का काम तेजी से शुरु हो चुका है. बुनियाद और खंभों के लेकर काम किया जा रहा है. इस बीच निर्माण के लिये धन संग्रह को लेकर दिल्ली में साधू-संतों की बड़ी बैठक होनी है, इसमें चंदा इकट्ठा करने को लेकर रुपरेखा तय की जाएगी.
प्रयागराज. अयोध्या में रामलला के निर्माणाधीन मंदिर के लिए चंदा जुटाने की प्रक्रिया पर अंतिम फैसला अगले महीने नई दिल्ली में होगा. इसके लिए नई दिल्ली में दस और ग्यारह नवम्बर को संत-महात्माओं की दो दिनों की बैठक होगी. इस बैठक में देश भर के तीन सौ प्रमुख संतों को बुलाया जाएगा. राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के महामंत्री चम्पत राय के मुताबिक़ बैठक का एक सूत्रीय एजेंडा राम मंदिर निर्माण के लिए चंदा जुटाने की प्रक्रिया तय करना होगा. फिलहाल जो प्रस्ताव है, उसके मुताबिक़ देश के ग्यारह करोड़ परिवारों से सीधे संपर्क कर उनसे कम से कम दस रूपये की आर्थिक मदद लेने का है, लेकिन इस पर अंतिम फैसला साधू -संतों को ही लेना है. ग्यारह नवम्बर को बैठक के समापन के बाद ही चंदा लेने की प्रक्रिया का एलान किया जाएगा.
अभी सिर्फ अयोध्या की बात
प्रयागराज में मीडिया से बात करते हुए चम्पत राय ने बताया कि इसी दिन दिल्ली में विश्व हिन्दू परिषद की केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक भी होनी है. उनके मुताबिक़ फिलहाल उनका सारा फोकस राम मंदिर निर्माण के काम को जल्द से जल्द पूरा कराना है. उम्मीद है कि मंदिर तीन सालों में बनकर तैयार हो जाएगा. काशी और मथुरा में विवादित जगहों को लेकर आंदोलन शुरू किये जाने और कानूनी लड़ाई तेज़ किये जाने के सवाल पर चम्पत राय गोलमोल जवाब देते नज़र आए. उन्होंने कहा कि इन दिनों रामलला के मंदिर निर्माण पर ही उनका पूरा फोकस है और वह वीएचपी में अकेले कोई फैसला नहीं लेते. बैठकों में वह सिर्फ अपने सुझाव देते हैं और उन्होंने फिलहाल खुद को पूरी तरह से अयोध्या पर केंद्रित कर रखा है.
राम मंदिर निर्माण को लेकर कही बड़ी बात
चंपत राय का कहना है कि अयोध्या में रामलला के मंदिर निर्माण की क्वालिटी को लेकर ख़ासा ध्यान दिया जा रहा है. मंदिर की बुनियाद पर सौ साल बाद भी कोई फर्क न पड़े, इसके लिए नींव में किसी तरह के लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. एक्सपर्ट्स की कमेटी से पूरे निर्माण की निगरानी कराई जाएगी. चंपत राय ने प्रयागराज में वीएचपी के चार प्रांतों के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें ज़रूरी दिशा निर्देश दिए हैं.
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