आगरा, नितिन उपाध्याय। दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री और पूर्व विदेश मंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता सुषमा स्वराज का मंगलवार देर रात एम्स में निधन हो गया। 67 वर्षीय सुषमा स्वराज का आगरा से भी गहरा नाता था। आखिरी बार वो इसी साल 9 अप्रैल को आख़िरी बार आगरा आईं थीं तब उन्होंने सींगना में भाजपा के विजय संकल्प सायबर योद्धा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर भाजपाइयों को संबोधित किया। आज अब वो इस दुनिया में नहीं रहीं तो पूरे देश की तरह आगरा में भी शोक की लहर दौड़ गई। वह 90 के दशक से लगातार विभिन्न चुनावी कार्यक्रम और संगठन के प्रोग्राम में आगरा आती रहीं।


आगरा से दक्षिण विधानसभा से विधायक योगेंद्र उपाध्याय कहते हैं कि आगरा के पूर्व सांसद भगवान शंकर रावत के चुनाव अभियान के दौरान आगरा में एक सभा को सम्बोधित करने वो आईं थीं। यह साल 1999 का था, जब राजबब्बर समाजवादी पार्टी से चुनावी मैदान में थे। चुनाव के आखिरी दिन राजबब्बर का भी जूलूस निकल रहा था, जिससे जाम की स्थिति बन गयी और आखिरी दिन होने की वजह से चुनाव प्रचार खत्म करने का समय भी आ गया। जब वो शाहगंज फाटक पर पहुंची तो समय पूरा हो गया तो कार्यकर्ताओं काफी कहने के बावजूद वो मंच पर नहीं गई क्योंकि उससे आचार संहिता का उल्लंघन होता। विधायक योगेंद्र उपाध्याय कहते हैं ये संस्मरण बताने के लिए काफी है कि कितनी अनुशासित और कानून को मानने वाली थीं हमारी नेता सुषमा स्वराज।


अपना जन्मदिन वह कुष्ठ रोगियों के बीच जाकर मनाती थी।


आगरा से सुषमा स्वराज का गहरा नाता था। उत्तरी विधानसभा से विधायक पुरषोत्तम खंडेलवाल बताते हैं कि आगरा के तीन बार के सांसद रहे भगवान शंकर रावत से उनकी नजदीकी थी। और उनके चुनाव प्रचार के लिए आगरा में सभा को सम्बोधित करने आई थी, उनके आगरा में कई रिश्तेदार रहते हैं लेकिन ना उन्होंने और ना ही उनके रिश्तेदारों ने कभी उनके ओहदे का दिखावा किया। यही उनकी सादगी थी।


आगरा के वरिष्ठ नेता प्रमोद गुप्ता बताते हैं कि जब भी दिल्ली उनसे मिलने गया तो बड़े स्नेह से उन्होंने मुलाकात की, वो याद करते हुए बताते हैं कि साल 2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान मैं उनसे दिल्ली में मिला तो उन्होंने बड़ी ही आत्मीयता से बात की और कहा कि मैं आपकी टिकट के लिए प्रयास करूंगी। महिला कार्यकर्ताओं से उनका विशेष लगाव होता था।


भाजपा जिलाध्यक्ष श्याम भदौरिया अपने यादों की किताब को पढ़ते हुए कहते हैं कि साल 2001 का समय रहा होगा जब आरएसएस का राष्ट्र रक्षा महाशिविर आगरा के शास्त्रीपुरम में हुआ था, उस कार्यक्रम का तब मैं सुरक्षा प्रमुख और बजरंग दल का प्रान्त संयोजक था। राष्ट्र के नाम समर्पित प्रदर्शनी के दौरान मेरी उनसे मुलाकात हुई, इस मुलाकात में उन्होंने बड़ी आत्मीयता से मुझसे मेरा हाल चाल पूछा और बड़ी ही आत्मीयता से वो युवा कार्यकर्ताओं से मिली। श्याम भदौरिया कहते हैं कि वो बड़े ही स्नेह से कार्यकर्ताओं से मिलती थी ।


आगरा के मेयर जैन बहुत ही दिलचस्प किस्सा बताते हैं कि साल 2000 में आगरा के शास्त्रीपुरम में भाजयुमो का राष्ट्रीय अधिवेशन हुआ था, तब उन्हें अधिवेशन में लगी चित्र प्रदर्शनी का संयोजक बनाया गया और जिसका उद्घटान करने सुषमा स्वराज आईं। नवीन जैन बताते हैं कि वह उन्हें लेने अपनी मारुति कार 800 से गए। तब उन्होंने पूछा कि कार का ड्राइवर कौन है। मैंने कहा कि मैं हूँ तो वह कार की अगली सीट पर बैठकर प्रदर्शनी का उद्घाटन करने गयी थी और उस कार में वर्तमान प्रधानमंत्री और तब के संगठन महामंत्री नरेंद्र मोदी कार के पीछे बैठकर गए थे।


आगरा के लोगों के लिए सुषमा जी से यादों की लंबी फेहरिश्त थी। जुलाई 2001 में आगरा के होटल जेपी पैलेस में तत्कालीन पीएम स्व. अटल बिहारी वाजपेयी और पाक राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के बीच शिखर वार्ता हुई थी उसमें भी केंद्रीय मंत्री के तौर पर सुषमा स्वराज ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शिखर वार्ता में केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज ने केंद्रीय सूचना और प्रसारण के तौर पर अहम भूमिका निभाई।


कवि पवन आगरी ने कहा कि वह करीब 12 साल पहले दिवंगत कवि नीरजजी के जन्मोत्सव कार्यक्रम में माथुर वैश्य भवन पचकुइयां आईं थी। उन्होंने *स्वप्न झरे फूल से,कारवां गुजर गया*, पूरा गीत सुनाया।