नई दिल्ली, एबीपी गंगा। गर्मी से तप रहे देश के तमाम राज्यों के लिए राहत की खबर आ रही है। भारत मौसम विभाग का कहना है कि अगले दो दिनों में मानूसन केरल में दस्तक दे सकता है। मौसम विभाग का कहना है कि बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी हिस्से से आने वाली हवाओं से मानसून के आगे बढ़ने और इसे मजबूत होने में मदद मिल रही है। अगर यही स्थिति बन रही तो अगले 2 दिनों में केरल तट पर तेज बारिश हो सकती है। फिलहाल पूरे उत्तर भरत में गर्मी ने प्रचंड रूप धारण कर रखा है। मौसम विभाग का कहना है कि आंध्र प्रदेश के कई हिस्सों में प्री-मानसून की बारिश शुरू हो गई है, इससे किसानों को खरीफ फसल की बुआई में मदद मिलेगी। बता दें कि आम तौर पर केरल में मानसून की पहली बारिश जून के पहले हफ्ते में शुरू हो जाती है।


5 जून के आसपास का हाल


अगले कुछ घंटों की बात करें तो तमिलनाडु, पुड्डुचेरी, रायलसीमा, जम्मू एंड कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड के कुछ इलाकों, झारखंड, वेस्ट बंगाल, कोस्टल आंध्र पंदेश, कर्नाटक के अंदरूनी हिस्सों और केरल के कुछ इलाकों में आंधी के साथ हल्की बारिश हो सकती है। इस दौरान नॉर्थ ईस्ट के कुछ इलाकों में भारी बारिश हो सकती है। वहीं मध्य प्रदेश, मराठवाड़ा, तेलंगाना और राजस्थान में गर्म हवाओं का दौर जारी रहेगा।


6 जून के आसपास का हल


वेस्ट बंगाल, नॉर्थ ईस्ट में भारी बारिश की संभावना है। तमिलनाडु, पुड्डुचेरी, रायलसीमा, जम्मू एंड कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड के कुछ इलाकों, झारखंड, वेस्ट बंगाल, कोस्टल आंध्र पंदेश, कर्नाटक के अंदरूनी हिस्सों और केरल के कुछ इलाकों में आंधी के साथ हल्की बारिश हो सकती है। मध्य प्रदेश, विदर्भ, तेलंगाना और राजस्थान में गर्म हवाओं का दौर जारी रहेगा।



प्री मानसून बारिश में भारी कमी


मौसम का पूर्वानुमान जताने वाली निजी संस्था स्काइमेट वेदर ने सोमवार को कहा था कि देश में मॉनसून से पूर्व होने वाली बारिश 65 सालों में दूसरी बार इतनी कम दर्ज की गई है। तीन महीने की अवधि का मॉनसून से पहले का सीजन- मार्च, अप्रैल और मई 25 फीसदी कम वर्षा के साथ समाप्त हुआ। स्काइमेट ने कहा कि सभी चार मौसमी मंडलों- उत्तर पश्चिम भारत, मध्य भारत, पूर्व-पूर्वोत्तर भारत एवं दक्षिणी प्रायद्वीप में क्रमश: 30 फीसदी, 18 फीसदी, 14 फीसदी और 47 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई।