शशिशेखर त्रिपाठी। आहार में जब प्रेम मिलता है तब दूध का निर्माण होता है। दूध का संबंध चंद्रमा से होता है। दूध में जल है और शरीर में भी जल है। दूध पहला आहार है। सूर्य, मंगल, गुरु दूध के मित्र हैं। गुण, खाण्ड, सेब, छुआरा आदि सूर्य और मंगल को रिप्रेजेंट करते हैं। केसर, कच्ची हल्दी,आम और केला आदि गुरु को रिप्रेजेंट करते हैं। शहद, असली मिश्री, छोटी इलाईची, दाल चीनी आदि शुक्र को रिप्रेजेंट करते हैं। शुक्र और चंद्रमा का मिलना आनन्द की पराकाष्ठा है।


दूध के उपाय
- दूध में चीनी न मिलाएं।
- दूध हमेशा चंद्रमा के काल यानी रात्रि मे पीएं।
- दूध को कभी भूरा करके न पीएं, दूध को भूरा करने का अर्थ है चंद्रमा को ग्रहण लगा देना।
- कांच के गिलास में दूध नहीं पीना चाहिए


काम की बात
यह बात हमेशा ध्यान रखनी चाहिए कि कभी भी दूध पीकर तुरंत घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। दूध चंद्रमा का प्रतिनिधि है और जब आप घर से निकलेंगे तो बाहर जो चौराहा मिलेगा, वहां थोड़ा भ्रमित हो सकते हैं। यह क्रिया राहु का प्रतिनिधित्व करती है और चंद्रमा और राहु का मिलना अच्छा नहीं है तो कभी भी दूध पीकर तुरंत घर से न निकलें।