UP By elections 2024: लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की जीत में अखिलेश यादव के जातीय समीकरण की जबरदस्त चर्चा रही. सपा अध्यक्ष ने हर सीट पर ऐसे प्रत्याशियों को टिकट दिया जिसके चलते ज्यादा से ज्यादा सीटों पर सपा की जीत सुनिश्चित हो सकी. भारतीय जनता पार्टी भी अब यूपी की दस सीटों पर होने वाले उपचुनाव में इसी फॉर्मूले की ओर बढ़ती नजर आ रही है. 


यूपी उपचुनाव में बीजेपी के अयोध्या की मिल्कीपुर सीट प्रतिष्ठा का सवाल बनी हुई है. यही वजह है कि खुद सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस सीट को जिताने की जिम्मेदारी अपने हाथ में ली है. ऐसे में सीएम योगी अब मिल्कीपुर में अखिलेश यादव को उन्हीं की रणनीति से मात देने की तैयारी में हैं. 


जातीय समीकरण साधने में जुटी BJP
यूपी उपचुनाव के लिए बीजेपी ने भी हर सीट पर जातीय समीकरण को साधना शुरू कर दिया है. माना जा रहा है कि मिल्कीपुर में भाजपा पासी समुदाय के उम्मीदवार को ही मैदान में उतार सकती है. फैजाबाद लोकसभा सीट हारने के बाद बीजेपी इस सीट पर जातीय समीकरण मजबूत करने में जुट गई है. बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व में नाम को लेकर मंथन किया जा रहा है. हालांकि अब तक इसे लेकर कोई फाइनल फैसला नहीं हो पाया है.  


उधर सपा की ओर से भी मिल्कीपुर सीट पर पासी समुदाय के ही प्रत्याशी के नाम को तय किया गया हैं भले ही पार्टी ने अभी तक इसकी आधिकारिक घोषणा नहीं की हो लेकिन इस सीट से सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद का चुनाव लड़ना तय हैं. इससे पहले लोकसभा चुनाव में सपा भी जातीय समीकरण के सहारे फ़ैज़ाबाद में बीजेपी को पटकनी दे चुकी है. 


लोकसभा चुनाव में सपा ने फैजाबाद की सामान्य सीट पर दलित प्रत्याशी अवधेश प्रसाद पासी पर दांव लगाया था. अखिलेश यादव का ये प्रयोग सफल रहा और सपा ने अयोध्या वाली इस सीट पर बीजेपी को हरा दिया. बीजेपी की इस हार की चर्चा अब तक होती है. 


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