Milkipur Bypoll Elections 2025: अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव का ऐलान हो गया है. ये सीट इसलिए भी अहम हो जाती है राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा और अयोध्या में तमाम विकास कार्यों के बाद भी भारतीय जनता पार्टी को यहां हार का सामना पड़ा था. बीजेपी अब मिल्कीपुर में चुनाव जीतकर हिसाब बराबर करना चाहती है तो वहीं सपा भी इसकी अहमियत समझ रही है. दोनों दलों की नजर बसपा के वोटरों पर लगी है, ऐसे में किसकी समीकरण भारी पड़ेगा ये देखना दिलचस्प होगा.
मिल्कीपुर सीट सपा सांसद अवधेश प्रसाद के इस्तीफे के बाद खाली हुई है. सपा ने इस सीट से उनके बेटे अजीत प्रसाद को प्रत्याशी घोषित किया है, वहीं भारतीय जनता पार्टी अब तक अपने उम्मीदवार का नाम तय नहीं कर सकी है. इस सीट पर जीत की जिम्मेदारी ख़ुद सीएम योगी ने अपने हाथों में ले रखी है. लोकसभा चुनाव के बाद से वो दर्जनभर बार यहां का दौरा कर चुके हैं. जबकि बीते करीब 15 दिनों में वो तीन बार यहां आ चुके हैं.
बसपा के वोटरों पर सपा-बीजेपी की नजर
मिल्कीपुर में 2022 विधानसभा चुनाव के सियासी समीकरण की बात करें तो इस चुनाव में चार प्रमुख दल, बीजेपी, कांग्रेस, सपा और बसपा चारों अलग-अलग चुनाव लड़े थे. इस सीट से सपा के अवधेश प्रसाद ने 12,913 वोटों से जीत दर्ज की थी. जबकि कांग्रेस और बसपा को कुल मिलाकर 17,553 वोट मिले थे. यानी बसपा और कांग्रेस का वोटर इस उपचुनाव में बड़ी भूमिका निभा सकता है.
इस बार मिल्कीपुर में सपा-बीजेपी के बीच सीधी टक्कर है. कांग्रेस इस चुनाव में सपा का समर्थन कर रही है. दोनों दलों की नजर अब बसपा के वोटरों पर है. आमने-सामने की इस लड़ाई में जिस ओर इन मतदाताओं का रुख होगा वो दल की जीत में अहम भूमिका निभाएगा. बसपा के वोटों का बंटवारा यहां काफी अहम हो सकता है.
बीजेपी के लिए ये चुनाव कितना अहम है इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि पार्टी ने प्रदेश के छह मंत्रियों को इस उपचुनाव में उतार दिया है जिन पर बीजेपी की जीत को सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी होगी. दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक को भी समय-समय पर यहां आने के निर्देश दिए गए हैं.
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