(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Lucknow: बीजेपी जमकर कर रही मोटे अनाज का प्रचार, कार्यक्रमों में मिलेट्स भोज को मिल रही तवज्जो
UP News: मंगलवार को गौ घाट पर आयोजित कार्यक्रम में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना, कई और मंत्री, विधायक और अन्य लोग शामिल हुए.
Lucknow News: बीजेपी सरकार (BJP Government) से लेकर संगठन तक लगातार मिलेट्स यानी मोटे अनाज के प्रचार-प्रसार को लेकर प्रयासरत है. हाल ही में सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने आवास पर पूरे मंत्रिमंडल के साथ मिलेट्स यानी मोटे अनाज से बने व्यंजनों का रात्रिभोज किया. इसके बाद सीएम आवास पर एक बार फिर ऐसा ही आयोजन हुआ जिसमें उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी भी शामिल हुए और अब बीजेपी किसान मोर्चा की तरफ से लखनऊ के गौ घाट पर आमजन के साथ मोटे अनाज का सहभोज किया गया.
अब प्रदेश भर में ऐसे सहभोज होते रहेंगे. एक तरफ़ बीजेपी किसान मोर्चा इसका आयोजन करेगा तो दूसरी ओर सरकार के मंत्री इसमे शामिल होंगे. बीजेपी भी मानती है कि किसानों से जुड़ने का ये कार्यक्रम 2024 में पार्टी को काफी माइलेज देगा.
मंगलवार को गौ घाट पर आयोजित कार्यक्रम में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना, कई और मंत्री, विधायक और अन्य लोग शामिल हुए. मिलेट्स भोज की संगोष्ठी और सहभोज के इस कार्यक्रम को लेकर बीजेपी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर सिंह ने कहा कि यह सामाजिक कार्य है. राजनीतिक दल के कार्यकर्ता होने के नाते जब भी हम लोग संपर्क करेंगे, लोगों से संवाद करेंगे, लोगों से मिलेंगे उसका 2024 में फायदा भी मिलेगा. इसका माइलेज मिलेगा.
'मोटे अनाज से ही मनुष्य स्वस्थ रह सकता है'
बीजेपी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 75 जिले हैं. फरवरी में हर डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टर में मोटे अनाज की उपयोगिता, संवर्धन प्रसार के लिए संगोष्ठी और सहभोज होगा. उन्होंने कहा कि भारत वर्तमान समय में विश्व नेता बनने की ओर अग्रसर है. पीएम के प्रयास से 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया. अब जी-20 की अध्यक्षता मिलने के बाद पीएम ने मिलेट्स को इंटरनेशनल ईयर घोषित कराया है .मोटे अनाज के माध्यम से ही दुनिया में खाद्यान्न की आपूर्ति संभव हो सकती है. मोटे अनाज से ही मनुष्य स्वस्थ रह सकता है, कम लागत में अधिक उपज होगी.
कामेश्वर सिंह ने कहा कि जहां प्राकृतिक संसाधन का अभाव है, वहां मोटे अनाज की उपज खूब होती है. इसे देखते हुए इसकी उपयोगिता, संवर्धन और प्रसार के लिए कार्यक्रम हो रहा. मोटे अनाज से खाद्यान्न की आपूर्ति की जा सकती है, मनुष्य निरोग रह सकता है. यह भारत की प्राचीन व्यवस्था है. कामेश्वर सिंह ने कहा कि इस कार्यक्रम से किसान जुड़ेगा, उसकी कम लागत में अधिक फसल होगी, उसके लिए मार्केट उपलब्ध हो. इसके लिए जन जागरण अभियान चलाया जाएगा, अगले 2-4 सालों तक वृहद अभियान चलाया जाएगा ताकि आम किसान इसकी उपज करें और लोग इसकी मार्केटिंग से सामान खरीदें.
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