UP Politics: अखिलेश यादव ने बीजेपी के उर्दू ज्ञान पर उठाया सवाल तो मंत्री धर्मपाल सिंह ने किया पलटवार, कहा- 'यह तहज़ीब की...'
UP News: सारस के मुद्दे पर हो रही राजनीति पर मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि इस पक्षी के जीवन को कैसे सुरक्षित रखा जाए, इस प्राथमिकता के आधार पर हम काम कर रहे हैं.
UP Politics News: सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने गुरुवार को करीब 500 युवाओं को सरकारी नौकरी की बड़ी सौगात दी. लोकभवन में आयोजित कार्यक्रम में इन लोगों को नियुक्ति पत्र दिए गए. कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह (Dharampal Singh) ने कहा कि सरकारी नौकरियां भी योगी सरकार देने का काम कर रही है. पशुधन विभाग में भी 50 डॉक्टर लोक सेवा आयोग से योग्यता के आधार पर आए जिन्हें नियुक्ति पत्र दिए गए. धर्मपाल सिंह ने इस अवसर पर पत्रकारों से बात की और पूर्व सीएम अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) द्वारा उठाए गए मुद्दे पर एक-एक कर जवाब दिया.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के सांड सफारी वाले बयान पर धर्मपाल सिंह ने कहा, 'पशु, धन है और पशु, किसान के लिए बहुत उपयोगी है. जो लोग सांड की बात कर रहे उनको लेकर मैं कुछ कहना नहीं चाहता. हमारी सरकार सभी पशुओं का उचित प्रबंध और निराश्रित गोवंश को आश्रय स्थल तक पहुंचाने का काम कर रही. जो हमले की बात हो रही उसमें भी सरकार दुर्घटना बीमा योजना के तहत बीमा देने का काम कर रही है.'
सारस की सुरक्षा पर प्राथमिकता से हो रहा काम- धर्मपाल सिंह
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान कि उर्दू बीजेपी को समझ नहीं आएगी क्योंकि वह प्रेम और गंगा-जमुनी तहजीब की भाषा है, इस पर धर्मपाल सिंह ने पलटवार किया. उन्होंने कहा कि हमारी चार भाषाएं हैं जिसमें हिंदी मातृभाषा है, संस्कृत देव भाषा है, उर्दू तहजीब की भाषा है और अंग्रेजी गुलामी की भाषा है. इन चारों भाषाओं का अंतर हमने समझा दिया, अब उनसे पूछें वह क्या चाहते हैं. अखिलेश यादव के थर्ड फ्रंट का चेहरा न होने वाले बयान पर धर्मपाल सिंह ने कहा कि वह तो खुद ही हटे हुए हैं. वह क्या चेहरा बनेंगे, जनता तय कर चुकी है. सारस पर छिड़ी सियासत पर धर्मपाल ने कहा कि एक जीव विज्ञान है. जीव विज्ञान में प्राणी विज्ञान भी होता है, कुछ दो पैरों से चलने वाले होते हैं कुछ चार पैरों से चलने वाले, कुछ पंखों से उड़ने वाले और कुछ जलचर हैं तो इस तरह से जो सारस की प्रजाति है उसको कोई छीन कर नहीं ले जा रहा. उसके जीवन को कैसे सुरक्षित रखा जाए, इस प्राथमिकता के आधार पर हम काम कर रहे हैं.
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