JPS Rathore Attacks On SP-BSP: उत्तर प्रदेश (UP) में बीजेपी (BJP) की बुधवार से शुरू हुई क्षेत्रवार बैठकों और विपक्ष के ट्विटर वार पर राज्यमंत्री जेपीएस राठौर ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि विपक्ष हताशा और निराशा के गर्त में डूब चुका है. पूरी तरह से दिशाहीन है और मुद्दा विहीन तो पहले ही था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi), मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) और बीजेपी सरकार (BJP Government) ने कोई मुद्दा छोड़ा ही नहीं है, सब पर काम हो रहा है. विपक्ष के लोग केवल ट्विटर पर खेल रहे हैं. कभी मायावती (Mayawati) तो कभी सपा के नेता ट्वीट कर देते हैं. सपा का नाम ही ट्विटर वादी पार्टी कर दें तो शायद ज्यादा उपयुक्त होगा. 


जेपीएस राठौर ने कहा कि उन्हें जनता के मुद्दों को उठाना चाहिए. जनता से इस तरह से कटकर वह किसी भी तरह राजनीतिक क्षेत्र में सफलता प्राप्त नहीं कर सकते. बीजेपी अपने काम में लगी है. राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हम लोगों के साथ बैठक करके एक महासंपर्क अभियान तैयार करने के लिए कहा है. उसी की तैयारी चल रही है और 30 मई से महासंपर्क अभियान शुरू हो जाएगा.


'सपा-बसपा सरकार में नहीं डालने दिए जाते थे वोट'


चुनाव में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने वाले मायावती के ट्वीट पर जेपीएस राठौर ने कहा, "विपक्षी दलों से इतना ही कहूंगा कि 'नाच न जाने तो आंगन टेढ़ा' आपको कुछ करना आता नहीं तो दूसरों पर आरोप लगाते रहते हैं. ये लोग हार से पहले ही सोच लेते हैं कि क्या आरोप लगाना है. कहां प्रशासनिक मशीनरी का दुरुपयोग हुआ? सपा और बसपा की जब सरकार थी, तब यह लोग किस तरह से दुरुपयोग किए हैं. लोगों को वोट नहीं डालने दिए जाते थे, बैलट पेपर फाड़ दिए जाते थे, काउंटिंग में हंगामा होता रहता था, कितने-कितने दिन तक काउंटिंग चलती थी. वह दिन जनता ने देखे हैं और सबको याद भी है."


बीजेपी के विधायक ने नहीं किया कोई उत्पात- राठौर


राठौर ने आगे कहा कि आज पूरी तरीके से शांतिपूर्ण ढंग से प्रदेश में चुनाव हुए. कोई घटना नहीं हुई, अगर घटना हुई है तो सपा के एक विधायक की ओर से हुई जो थाने में जाकर मारपीट करने का काम किया. बीजेपी के विधायक ने कोई उत्पात नहीं किया. बीजेपी के किसी मंत्री या पदाधिकारी ने कोई कांड नहीं किया. सपा को तो चुप ही रहना चाहिए, इस पर बोलना ही नहीं चाहिए. बसपा के समय में भी किस तरह से अराजकता रही है, पूरा प्रदेश जानता है. जनता ने उन्हें बार-बार जवाब दिया है फिर भी उन्हें समझ नहीं आया. 2024 में जनता फिर जवाब देगी, यूपी में बीजेपी 80 की 80 सीटें जीतेंगी.


काजल निषाद के कोर्ट जाने वाले बयान पर भी किया पटलवार


वहीं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के निकाय चुनाव में धांधली वाले बयान और गोरखपुर से मेयर प्रत्याशी काजल निषाद के कोर्ट जाने वाले बयान पर भी मंत्री ने पलटवार किया. उन्होंने कहा कि यह लोग कोर्ट में हर विषय को लेकर गए, संस्थाओं को बदनाम करने का काम किया, निर्वाचन आयोग पर आरोप लगाए, ईवीएम को गाली देने का काम किया लेकिन जब मैनपुरी और खतौली में जीत जाते हैं तो ईवीएम से माफी भी नहीं मांगते हैं. आज कर्नाटक का चुनाव उस ईवीएम से विपक्ष के लोग यानी कांग्रेस जीती है, उस पर भी ट्वीट यहां के नेता ने किया है. आज उन्हें कम से कम उस ईवीएम से माफी मांग लेनी चाहिए, जिन संस्थाओं को बदनाम करने का काम किया, उनसे माफी मांगने का समय आ गया है.


'चुनाव हारने की एक वजह नहीं होती'


बीजेपी के कई सांसदों के क्षेत्र में भी पार्टी प्रत्याशी के हार जाने पर राठौर ने कहा कि हमारी बहुत बड़ी जीत है. 17 की 17 नगर निगम हम जीत चुके हैं, बड़ी संख्या में नगर पालिका, नगर पंचायत अध्यक्ष जीते हैं. अगर कहीं कोई चुनाव हारता है तो कोई एक कारण या एक व्यक्ति नहीं होता. इस तरह से अगर कहीं कोई बात होगी तो संगठन उसको ध्यान में रखेगा लेकिन सभी लोगों, कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों, सांसदों और विधायकों ने अच्छा काम किया है. उसकी वजह से ही चुनाव जीते हैं. कहीं कोई गड़बड़ी हुई होगी तो पार्टी के शीर्ष पदाधिकारी देखेंगे.


जेपीएस राठौर बोले- हमारे पास पूर्ण बहुमत


विधान परिषद चुनाव में सपा प्रत्याशी उतारने पर जेपीएस राठौर ने कहा कि वह कहां से चुनाव लड़ाएंगे. दोनों सीटें बीजेपी की थी और बीजेपी की रहेंगी. एक सीट लक्ष्मण आचार्य की खाली हुई क्योंकि वो राज्यपाल हो गए. दूसरी बनवारीलाल दोहरे का निधन होने से खाली हुई. बीजेपी के दोनों प्रत्याशी घोषित हो चुके हैं और दोनों एमएलसी बनेंगे. इसमें विपक्ष के पास कहीं कोई गुंजाइश नहीं है. हमारे पास पूर्ण बहुमत है, अलग-अलग दोनों के लिए चुनाव होना है. ऐसी परिस्थिति में सपा के लिए एक सीट भी नहीं बचती है.


मंत्री ने सपा पर इस तकह कसा तंज


मंत्री राठौर ने कहा कि अब तक तो यही किया गया कि जिसकी विधानसभा में जितनी क्षमता हो उस हिसाब से प्रत्याशी उतारे जाए. फिर भी वह प्रत्याशी उतारते हैं तो स्वागत है. जैसे पिछली बार उतारा था एक प्रत्याशी लेकिन उसकी उम्र ही नहीं देख पाए, 30 साल उम्र होनी चाहिए थी और 27 साल का कैंडिडेट उतार दिया, हो सकता है ऐसा कोई कैंडिडेट उतारे जो 25 साल से भी कम का हो.


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