RRTS Corridor: दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के निर्माण पर इस साल 31 अक्टूबर तक लगभग 18,160 करोड़ रुपये का खर्च आया है और इस परियोजना पर 67.3 प्रतिशत प्रगति हुई है. राज्यसभा को यह जानकारी आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री कौशल किशोर ने दी है. उन्होंने बताया कि दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर को 30,274 करोड़ रुपये की लागत के साथ मंजूरी दी गई थी. 20 अक्टूबर को पहले फेज को हरी झंडी दिखाई गई थी.


उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) भारत की पहली सेमी-हाई-स्पीड क्षेत्रीय रेल सेवा परियोजना को कार्यान्वित कर रहा है. अक्टूबर में इसका नाम बदलकर 'नमो भारत' कर दिया गया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गलियारे के 17 किलोमीटर लंबे, प्राथमिकता वाले खंड का उद्घाटन किया.


परियोजना में खर्च हुए 18 हजार करोड़ से ज्यादा रुपये


एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, राज्य मंत्री कौशल किशोर ने बताया कि एनसीआरटीसी ने सूचित किया है कि 31 अक्टूबर 2023 तक परियोजना पर 18,160.81 करोड़ रुपये का खर्च आया है. उन्होंने कहा कि जून 2025 तक इस परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य है. किशोर ने बताया 31 अक्टूबर 2023 तक दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) कॉरिडोर के निर्माण में 67.3 प्रतिशत प्रगति हासिल हुई है.


180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी ट्रेनें


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 अक्टूबर को साहिबाबाद और दुहाई डिपो स्टेशनों को जोड़ने वाली ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी. इस कॉरिडोर पर ट्रेनें 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं. साहिबाबाद और दुहाई डिपो के बीच प्राथमिकता वाले खंड में पांच स्टेशन- साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो हैं. जिस पर ट्रेन शुरू हो टुकी है. कॉरिडोर का निर्माण पूरा हो जाने पर दिल्ली और मेरठ के बीच यात्रा का समय एक घंटे से भी कम हो जाएगा. ट्


ये भी पढ़ेंः


पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ Varanasi लोकसभा सीट से Pallavai Patel लड़ेंगी चुनाव? अखिलेश यादव ने किया बड़ा एलान