इलाहबाद एमपीएमएलए कोर्ट से मुजफ्फरनगर न्यायालय में केस वापसी के बाद 2007, 2013 के मामलों में जनप्रतिनिधियों के NBW जारी होने के बाद भारतीय जनता पार्टी के विधायक, मंत्री और बीजेपी नेताओं ने अपर जनपद न्यायधीश चतुर्थ के यहां पहुंचे. जहां बुढ़ाना विधायक उमेश मलिक, खतौली विधायक विक्रम सैनी, उत्तर प्रदेश सरकार में कौशल विकाश मंत्री कपिल देव अग्रवाल, पूर्व विधायक अशोक कंशल, बीजेपी जिला अध्यक्ष विजय शुक्ला और बीजेपी कार्यकर्ता मुजफ्फरनगर कोर्ट पहुंचे थे. मंत्री कपिल देव अग्रवाल तीन मामलों में वारंट जारी होने के बाद कोर्ट में पेश हुए. कोर्ट ने 20-20 हजार दो जमानती दाखिल करने पर मंत्री को रिकॉल कर दिया.
गत वर्षों के दौरान सपा और बसपा सरकार के दौरान भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा तत्कालीन सरकार के खिलाफ किए गए धरना प्रदर्शन और निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने के तीन अलग-अलग मामलों में कोर्ट से वारंट जारी होने के बाद प्रदेश के मंत्री कपिल देव अग्रवाल और दूसरे आरोपी कार्यकर्ता विशेष अदालत में पेश हुए और वारंट वापस लिए जाने और जमानत स्वीकार किए जाने की अलग-अलग तीन मामलों में याचिकाएं दाखिल की गईं. विशेष अदालत के जज ने जमानत स्वीकार करते हुए आदेश दिया कि 20-20 हजार के दो-दो जमानती दाखिल किए जाने के बाद कपिल देव अग्रवाल को रिहा किया जाए. एक निषेधाज्ञा के उल्लंघन के मामले में कोर्ट ने मंत्री कपिल अग्रवाल के विरुद्ध आरोप तय किए और अग्रिम सुनवाई के लिए 8 सिंतबर नियत की.
बीजेपी विधायक ने किया था प्रदर्शन
अलनूर मीट फैक्ट्री के बाहर प्रदर्शन करने के मामले में बीजेपी विधायक उमेश मलिक वारंट जारी होने के बाद कोर्ट में पेश हुए और जमानत दाखिल की. कई बीजेपी बड़े नेताओं कपिल अग्रवाल उमेश मलिक, पूर्व विधायक अशोक कंसल आदि के कोर्ट में पेश होने पर कचहरी में गहमागहमी का माहौल बना रहा. बीजेपी विधायक और मंत्री को न्यायधीश के आदेश का लगभग 7 घंटे कोर्ट में बैठकर इंतजार करना पड़ा. बीजेपी के दोनों विधायक और मंत्री सुबह साढ़े दस बजे कोर्ट पहुंचे थे और शाम पांच बजे बहार आए.
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