मेरठ, एबीपी गंगा। देशभर में जहां एक तरफ कोरोना महामारी का प्रकोप लगातार जारी है तो वहीं दूसरी ओर प्रवासी मजदूरों का अपने घर जाने का भी सिलसिला लगातार जारी है. इसी को देखते हुए लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों के नेता कहे जाने वाले दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री पंडित सुनील भराला ने दिल्ली पहुंचकर केंद्रीय श्रम मंत्री से मुलाकात कर श्रमिकों की तमाम समस्याओं से अवगत कराया.
बता दें कि उत्तर प्रदेश श्रम कल्याण परिषद के अध्यक्ष व दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री पंडित सुनील भराला ने संतोष गंगवार, श्रम मंत्री भारत सरकार से मिलकर के श्रम कानूनों पर विपक्ष द्वारा जो कटाक्ष किए जा रहे हैं उसको लेकर विस्तृत चर्चा की. साथ ही श्रमिकों के वेतन की समस्याओं का निस्तारण करने के लिए भी मैराथन बैठक हुई.
संतोष गंगवार ने बताया कि देश के सभी राज्यों के चीफ सेक्रेटरी को भारत सरकार श्रम मंत्रालय के द्वारा एडवाइजरी जारी कर दी गई है कि कारखानों में काम करने वाले श्रमिकों को पूरा वेतन दिया जाए. लॉकडाउन में बन्दी के समय भी हाफ वेतन देने की व्यवस्था करनी चाहिए. इन श्रमिकों को आगे भी उद्योगों में काम करना है.
श्रम कानून के विषय को लेकर के सन्तोष गंगवार ने स्पष्ट कहा है श्रमिकों के हित के कानून में कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी और न ही कोई संशोधन करने का विषय आया है. जो विरोधी दलों के नेता श्रम कानून को लेकर गलत प्रचार कर रहे हैं, वह निराधार है. उन्होंने कहा कि श्रमिकों के हित में काम करने वाली यह नरेंद्र मोदी जी की सरकार है.
सुनील भराला ने सन्तोष गंगवार से चर्चा के दौरान कहा कि श्रमिकों के लिए स्वतंत्र रूप से रेलगाड़ियों का चलाया जाए. 15 प्रतिशत कर लेने की जो बात राज्यों से हो रही है उसको भी केंद्र के द्वारा वहन किया जाना चाहिए. श्रमिकों को परेशानी जिस कारण से हो रही, यह भी एक कारण है कि 15 प्रतिशत किराया राज्यों को देना है. श्रमिकों को निशुल्क रेलगाड़ियों के माध्यम से गंतव्य तक छोड़ने का काम करना चाहिए. इस मसले पर संतोष गंगवार ने स्पष्ट कहा है कि श्रमिकों को किराया नहीं देना होगा और भारत सरकार के द्वारा ही रेलगाड़ियां निशुल्क चलाई जाएंगी.