UP Politics: RSS को मिला मंत्री ओम प्रकाश राजभर का साथ, कहा- 'हम उनका समर्थन करते हैं'
सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने जातीय जनगणना पर आरएसएस की टिप्पणी के बाद अब प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने स्पष्ट कहा है कि जातीय जनगणना की बात मोहन भागवत ने कही है.
Caste Census: केरल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की बैठक में जातीय जनगणना पर दिए बयान पर अब सुभासपा प्रमुख और योगी सरकार के मंत्री ओम प्रकाश राजभर का बयान आया है. केरल में आरएसएस की मीटिंग के दौरान कहा गया कि संघ जातीय जनगणना के लिए तैयार है, बशर्ते इसका कोई राजनीतिक उपयोग न हो.
उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा, "जातीय जनगणना की बात मोहन भागवत ने कही है. हम उनका समर्थन करते हैं. NDA गठबंधन में जातीय जनगणना होगी." दरअसल, केरल के पलक्कड़ में शनिवार से आरएसएस की बैठक शुरू हुई थी. अखिल भारतीय समन्वय बैठक के पहले दिन सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले समेत सभी छह सह सरकार्यवाह और अन्य अखिल भारतीय पदाधिकारी मौजूद रहे. इसके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने भी बैठक में शिरकत की थी.
#WATCH लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा, "जातीय जनगणना की बात मोहन भागवत ने कही है। हम उनका समर्थन करते हैं। NDA गठबंधन में जातीय जनगणना होगी..." pic.twitter.com/atPpmNij63
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 3, 2024
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आरएसएस की टिप्पणी
न दिवसीय समन्वय बैठक के बाद यहां मीडिया को संबोधित करते हुए आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि जाति और जाति-संबंध हिंदू समाज के लिए एक ‘बहुत संवेदनशील मुद्दा’ है और यह ‘हमारी राष्ट्रीय एकता और अखंडता’ के लिए भी अहम है. वह जातिगत जनगणना के संबंध में एक सवाल का जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा, ‘‘इससे ‘बहुत गंभीरता से’ निपटा जाना चाहिए.
आंबेकर ने कहा, ‘‘इसलिए, जैसा कि आरएसएस का मानना है, हां, निश्चित रूप से सभी कल्याणकारी गतिविधियों के लिए, विशेष समुदाय या जाति से संबंधित मुद्दों के समाधान के लिये जो पिछड़ रहे हैं, क्योंकि कुछ समुदायों और जातियों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. इसलिए, इसके वास्ते सरकार को आंकड़ों की आवश्यकता है. यह कवायद बहुत अच्छे तरीके से की जाती है. इसलिए, सरकार आंकड़े एकत्र करती है. पहले भी उसने आंकड़े एकत्र किये हैं. इसलिए, वह ले सकती है. कोई समस्या नहीं है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन यह केवल उन समुदायों और जातियों के कल्याण के लिए होना चाहिए. इसे चुनाव प्रचार के लिए एक राजनीतिक औजार के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. इसलिए हमने सभी के लिए एक लक्ष्मण रेखा तय की है.’’