Uttarakhand News: जिला विकास प्राधिकरणों में मानचित्र निस्तारण की अवधि को कम करने का विचार धामी सरकार कर रही है. निस्तारण की समयावधि लंबी होने पर लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. अब राज्य सरकार अवधि को कम करने का विचार कर रही है. शहरी विकास और आवास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने अनावश्यक आपत्तियां लगाने वाले कार्मिकों पर नाराजगी जताई. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि प्राधिकरण में कार्यरत कार्मिकों के वेतन को भी गैर जरूरी आपत्ति लगाने पर सरकार रोकने का मन बना रही है.


जिला विकास प्राधिकरण के कर्मियों को मंत्री की धमकी


मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि कि अभी तक जिला विकास प्राधिकरणों में एकल आवासीय इकाई और आवासीय मानचित्र के निस्तारण की निर्धारित समय सीमा 15 दिन है. अब निस्तारण की अवधि को घटाकर 7 दिन करने पर विचार किया जा रहा है. वहीं, गैर एकल आवासीय मानचित्र के निस्तारण की निर्धारित समय सीमा को 30 दिन कम कर 15 दिन करने का विचार है. उन्होंने बताया कि अभी तक देखा गया है कि जिला विकास प्राधिकरण में कार्यरत कार्मिक मानचित्रों का निस्तारण तय समय के अंदर नहीं कर रहे हैं. हालांकि इस संबंध में कई बार बैठक भी आयोजित की गई. लिहाजा सरकार प्राधिकरण में कार्यरत क्रामिकों के खिलाफ सख्त हो गई है.


मानचित्र निस्तारण समय से नहीं होने पर होगी कार्रवाई 


अवधि के भीतर निस्तारण नहीं करने पर कार्मिकों का वेतन भी रोका जा सकता है. अग्रवाल ने बताया कि लापरवाह कर्मचारियों के वेतन रोके जाने संबंधी कार्य का दायित्व प्राधिकरण में तैनात वित्त नियंत्रक का होगा.  जबकि प्राधिकरण के उपाध्यक्ष लापरवाह कर्मचारियों को चिह्नित करने का काम करेंगे. मंत्री ने आगे बताया कि सरकार प्राधिकरण के कर्मचारियों की करतूतों से वाकिफ है. डॉ अग्रवाल ने सख्त लहजे में कहा कि जनता को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए. अधिकारी मिली जिम्मेदारियों का दायित्व ठीक ढंग से पूर करें.


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