UP News: योगी सरकार के कारागार राज्यमंत्री सुरेश राही (Suresh Rahi) शनिवार को दिन में जितना गरम थे, रात होते-होते आखिर नरम क्यों हो गए. विधायक रहते सुरेश राही कई समस्याओं को लेकर मुखर हो जाया करते थे. पहली सरकार में धान खरीद के दौरान भ्रष्टाचार को लेकर लहरपुर के एसडीएम (SDM) के खिलाफ मंडी परिसर में ही धरना देने लगे थे. मंत्री बनने के बाद शनिवार को सुरेश राही जिस गरम अंदाज में सीतापुर (Sitapur) कलेक्टरेट पहुंचे, कलेक्टर तक को तेज चाल के साथ मंत्री को मनाने पहुंचना पड़ा.
दरअसल, शनिवार की सुबह पौने दस बजे जब कारागार राज्यमंत्री कलेक्टरेट पहुंचे तो वहां ग्रामीण मौजूद थे. अधिकारियों के न होने से वह कुर्सी डालकर उनके बीच में ही बैठ गए. लेकिन उनको वहां से ले जाने के लिए अतिरिक्त मजिस्टेट पंकज प्रकाश राठौर पहुंचे. लेकिन वह मंत्रीजी को मना नहीं पाए, फिर एसडीएम सदर अनिल कुमार दौड़े भागे पहुंचे. वह भी बात नहीं मनवा पाए, तो आखिर में डीएम अनुज सिंह को मनाना पड़ा.
क्यों थे नाराज
इस बीच पौन घंटे में मीडिया कर्मियों का भी जमावड़ा लग गया कि आखिर मंत्री कलेक्टरेट परिसर में सभाकक्ष के बाहर ग्रामीणों के बीच क्यों बैठ गए. मंत्री सुरेश राही ने अपने बयान के जरिए नाराजगी भी जता दी. पिपरा घूरी, बक्सोहिया के ग्रामीणों के बीच हुए विवाद में तहसील प्रशासन द्वारा भेजी गई नोटिस और ग्राम प्रधान प्रतिनिधि के विरूद्ध कार्रवाई न होने को लेकर मंत्री नाराज थे.
इसकी खबरे मीडिया में धरने पर बैठे मंत्री शीर्षक से जब चलनी शुरू हुई तो सरकार तक हड़कंप मच गया. मामले की सच्चाई का पता लगाने के लिए राजधानी से जिले के अधिकारियों के पास फोन घनघनाने लगे. मामले को लेकर डैमेज कंट्रोल किया जाने लगा, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. देर रात फेसबुक के माध्यम से मंत्री सुरेश राही भी सामने आए.
फेसबुक के माध्यम से मंत्री सुरेश राही ने लिखित रूप में एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की और कहा कि मुझे लगा कि कहीं कोई विरोधी पार्टियों की साजिस से नहीं ऐसी खबरे चलाई गई. मुझे बदनाम करने के लिए यह धरना प्रदर्शन की झूठी खबर फैलाई गई है.
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