सोनभद्र: 13 साल की उम्र में मां बनना और गोद मे नवजात शिशु लिए एक बेबस मां अपना और अपने बच्चे के अधिकार के लिए पुलिस अधीक्षक के कार्यालय न्याय की गुहार लगाने पहुंची. स्कूल में पढ़ाई के दौरान हुई नादानी और नाबालिग प्रेमी-प्रेमिका एक बच्चे के माता-पिता बन गये.


पंचायत ने साथ रखने का हुक्म सुनाया


सोनभद्र में म्योरपुर थाना क्षेत्र के एक गांव में 13 वर्ष की किशोरी के बिना शादी के ही मां बनने का मामला सामने आया है, इतना ही नहीं उसका प्रेमी भी नाबालि है. प्रेमी प्रेमिका नाबालिग होने व सजातीय होने पर बिरादरी की हुई पंचायत में प्रेमी ने किशोरी को रखने के लिए तैयार तो हो गया लेकिन उसके माता पिता तैयार नहीं हुए. किशोरी के प्रसव पीड़ा होने पर प्रेमी के घरवालों ने उसे भगा दिया जिससे अस्पताल ले जाते समय रास्ते में नवजात को जन्म दिया. इस बात से नाराज किशोरी के घरवालों ने पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगायी है कि उसकी लड़की को प्रेमी के घर वाले सही तरीके से रखें.


पुलिस अधीक्षक के कार्यालय पहुंची किशोरी की मां ने बताया कि स्कूल में पढ़ाई के दौरान उसकी लड़की का संबंध लड़के से हुआ और बात यहां तक पहुंच गयी तो हम लोगों को जानकारी हुई. जिस पर पंचायत में दोनों को साथ रहने को कहा गया. कुछ दिनों तक लड़के के घर वालों में लड़की को सही से रखा लेकिन बाद में उसे घर से अलग कर दिया और लड़के को मिलने भी नहीं देते थे.


प्रसव पीड़ा होने पर उसे अस्पताल नहीं ले गए जब हम लोग लड़की को अस्पताल ले जा रहे थे, रास्ते में नवजात को जन्म दिया दोनों ही सही हैं. हम चाहते हैं कि लड़के के घर वाले लड़की को सही से रखे और लड़के से मिलने दें. वहीं अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि म्योरपुर थाना क्षेत्र के एक गांव की किशोरी अपने माता पिता के साथ आई थी, जो अपने पति के घर वालों द्वारा सही व्यवहार नहीं करने की शिकायत की है. इस संबंध में मुकदमा पंजीकृत करने के लिए निर्देशित कर दिया गया है. प्रार्थना पत्र के आधार पर मुकदमा पंजीकृत करके आगे की कार्रवाई की जाएगी.


ये था पूरा मामला


सोनभद्र के आदिवासी अंचल म्योरपुर थाना क्षेत्र के एक गांव (सुपाचुआ) में स्कूल में पढ़ाई के दौरान एक 13 वर्षीय किशोरी के प्रेम संबंध गांव के ही एक 16 वर्षीय लड़के से हो गया. जिसके बाद दोनों का मेल मिलाप बढ़ता ही चला गया और किशोरी गर्भवती हो गयी. इसकी जानकारी परिजनों को हुई तो एक ही आदिवासी समाज के एक ही बिरादरी के होने पर गांव में ही पंचायत हुई. इसके बाद दोनों पक्षों में सुलह हुई कि दोनों प्रेमी-प्रेमिका पति पत्नी के रूप में साथ ही रहेंगे. इसके बाद प्रेमी के घरवाले किशोरी को घर ले गए और अलग घर में दोनों को रख दिया. युवक के घरवालों ने कुछ दिनों बाद किशोरी से युवक को नहीं मिलने देते. किशोरी को प्रसव पीड़ा होने पर युवक के घरवालों द्वारा अस्पताल नहीं ले जाया गया तो किशोरी की मां अपने साथ घर ले आयी. 12 दिसम्बर को पुनः किशोरी को प्रसव पीड़ा हुई तो अस्पताल ले जाते समय रास्ते मे ही एक नवजात को जन्म दिया. जिसके बाद युवक के घर वालों ने साथ रखने से इन्कार कर दिया. जिस पर किशोरी माता पिता के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यलय गुहार लगाने पहुंच गयी.


वहीं अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि नारी का सम्मान जनपद के सभी थानों में किया जाता है. इसके लिए महिला हेल्प डेस्क की स्थापना भी की गयी है. अगर किसी थाने पर महिलाओं के साथ न्याय नहीं हो रहा है तो उनके लिए पुलिस सदैव तत्पर है. यहां आज जो मामला आया है वह म्योरपुर थाना क्षेत्र के एक गांव की किशोरी अपने माता पिता के साथ आई थी जो अपने पति के घर वालों द्वारा सही व्यवहार नहीं करने की शिकायत की है.


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